रक्षाबंधन पर बसों में बढ़ी भीड़, दर्जनों बसों के पास नही बीमा फिटनेस।

कई रूटों पर फर्राटे भर रही यात्री बसे। विभाग कर रहा अनदेखी

सारंगपुर

रक्षाबंधन आते ही सारंगपुर सहित पूरे जिले के अंचल की सड़कों पर महिनों से बंद पड़ी यात्री बसे बिना बीमा, फिटनेस व परमिट के सड़कों पर दौड़ने लगी है। बस ऑपरेटरो की मनमानी के चलते इन यात्री बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि परिवहन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। अगर समय रहते जिम्मेदारों ने इस और ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन यह बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
उल्लेखनीय है की नेशनल हाइवे सहित ग्रामीण मार्गो  पर चलने वाली यात्री बस संचालक नियम कानून तोड़कर बिना परमिट फिटनेस के ही बसों का संचालन कर रहे है। जिले में परिवहन विभाग की सुस्ती से यात्री वाहनों की बड़ी ही खराब स्थिति हैं। बसों में विंड स्क्रीन पर फिटनेस परमिट की कापी भी नहीं लगी हैं। जर्जर बसे यात्रियों को लेकर सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके अलावा इनमें टायरों की स्थिति भी बड़ी खराब हैं। जर्जर स्थिति में चल रहे वाहनों के कारण बड़े हादसों का अंदेशा हमेशा बना रहता है। इसके बावजूद परिवहन विभाग  के अधिकारी कार्रवाई करने की जहमत तक नही दिखाते है। परिवहन विभाग महीनो में कभी कभार महज निरीक्षण के नाम पर अपनी जिम्मेदारी की खानापूर्ति करते हैं।  सूत्रों की माने तो सारंगपुर शहर में लगभग 40 से अधिक बसे बिना परमिट के ही चल रही हैं।

नियमों की कर रहे अनदेखी :

देखने में आया है की यात्री बसों में फिटनेस परमिट की कापी चस्पा नहीं है अग्निशमन यंत्र नहीं है। वहीं स्लीपर कोच बसों में दो के बजाए एक ही दरवाजा है। ऐसे में हादसे के समय ये बसें यात्रियों के लिए ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं। इंदौर ग्वालियर दोनों और जाने वाली सैकड़ों बसों का प्रतिदिन आवागमन होता है। इन बसों में एक ही गेट है जिससे कभी भी हादसा होने पर ये खतनाक साबित हो सकती हैं। जबकि मध्यप्रदेश शासन व परिवहन विभाग के निर्देश अनुसार बसों में दो गेट होना अनिवार्य है। स्लीपर बसें रोजाना नियमों को तोड़ती हुई शहर के बीच से निकल रही हैं। साथ ही इंदौर, भोपाल रूट की बसों पर सवारियों से ज्यादा लगेज की भरमार होना देखा जा रहा है। जिसकी रोकथाम पर विभाग का ध्यान नही है।

इन रूटों पर चलती हैं बसें :

जीरापुर, खिलचीपुर, आगर, शुजालपुर, तलेन, कुरावर, पचोर शाजापुर, ब्यावरा, इंदौर सहित अनेक रुटो के लिए दिन भर में दर्जनों यात्री बसें बिना परमिट चल रही हैं। परिवहन विभाग के सूत्रों की माने तो इनमें से महज 70 प्रतिशत बसों का ही परमिट हैं। सूत्रों की माने तो इन सभी लापरवाही बरतने वालों बस चालकों को शह देने में परिवहन विभाग के साथ पुलिस का भी योगदान है। कई बस संचालक तो ऐसे हैं कि जिस पार्टी की सरकार हैं, उसमें शामिल होकर अपनी बसों का संचालन कर रहे हैं। शायद यही कारण है की परिवहन विभाग इन बसों की जांच भी नहीं कर रहा है।

परिवहन विभाग के अधिकारीयों के द्वारा चेक पाइंट लगाकर ओवरलोडिंग परमिट टैक्स बकाया सहित विभिन्ना दस्तावेजों की नियमित जांच नही की जा रही है। जिसके कारण शहर सहित ग्रामीण अंचल में खुले आम ओवरलोडिंग व बिना परमिट के वाहन संचालित हो रहे हैं।