नपाध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव को कलेक्टर ने किया निरस्त।
अब शहरवासियों को नपाध्यक्ष  से शहर विकास की ज्यादा उम्मीदे।

सारंगपुर

सारंगपुर नगर पालिका में पार्षदों व नपाध्यक्ष के बीच चल रहा अविश्वास का मामला शुक्रवार को  थम गया है। शुक्रवार को कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने सारंगपुर परिषद के 12 पार्षदों द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को निरस्त करते हुए अध्यक्ष के पदभार ग्रहण की तारीख का हवाला देते हुए तीन साल तक वर्तमान अध्यक्ष पंकज पालीवाल के हाथों में अध्यक्ष की कमान बनी रहने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि नगर  पालिका परिषद में अध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में 27 अगस्त को परिषद के 18 पार्षदों में से 12 पार्षदों द्वारा कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था और नपाध्यक्ष को हटाने की मांग की थी। तीन दिन बाद 30 अगस्त को कलेक्टर  मिश्रा ने 27 अगस्त को आए राज्य शासन अध्यादेश, 2024 राजपत्र क्रमांक 250 (विधि और विधायी कार्य विभाग) अधिसूचना क्रमांक 12739-161-इक्कीस-अ (प्रा.) द्वारा मूल नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43-क में उपधारा (1) का हवाला देकर पार्षदों के दिए आवेदन को निरस्त कर दिया है। साथ ही कलेक्टर ने पत्र में उल्लेख किया है कि अविश्वास प्रस्ताव कार्रवाई की समय सीमा तीन साल बाद की रहेगी।

नगर में निरंतर होंगे विकास कार्य
दस साल बाद चर्चा में आई नगर पालिका व नपाध्यक्ष पंकज पालीवाल पर जनता का अटूट भरोसा और विश्वास अब भी दिखाई दे रहा है। शहरवासियों का कहना है कि पूर्व में कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यकाल के समय भी कांग्रेस पार्टी के पार्षद द्वारा पार्टी अध्यक्ष के बीच विरोधाभास देखा गया गया था। लेकिन बावजूद इसके तत्कालीन नपाध्यक्ष मोहमद अली द्वारा करोडों के विकास कार्य कर शहर में कपिलेश्वर, नेहरू पार्क, आंबेडकर पार्क सहित कई वार्डों में करोडों के विकास कार्य किए गए थे, इनमे वो वार्ड भी शामिल थे जिसमे आजादी के बाद से पहली बार नाली सडक जैसी मूलभूत सुविधा वार्ड वासियों को दी गई थी। ज्ञात हो कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बावजूद वर्तमान नपाध्यक्ष पंकज पालीवाल द्वारा पिछले दो सालों में नगर के कई शिवालय, देव स्थान, सडक सौंदर्यीकरण सहित अनेक विकास कार्य कराए।
वरिष्ठ भाजपाइयों में नाराजगी
अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने वाले पार्षदों के खिलाफ जिला संगठन का सख्त रवैया भी पार्षदों में खौफ पैदा कर रहा है। वही सूत्रों की माने तो सारंगपुर सहित जिले भर के वरिष्ठ भाजपाई पार्षदों के इस फैसले से असंतुष्ट है। वही दूसरी तरफ मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह गुर्जर ने दो टूक शब्दों में स्पष्ट कहा है कि अविश्वास लाने वाले पार्टी के पार्षदों ने उनसे किसी भी प्रकार की चर्चा तक नहीं की है, जिन पार्षदों ने यह मनमानी की है वह निश्चित तौर पर अनुशासनहीनता ही कही जा सकती है।
इन पार्षदों ने सौंपा था अविश्वास प्रस्ताव
27 अगस्त को जिला मुख्यालय पहुंचकर 11 पार्षदों ने कलेक्टर को 12 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था, जबकि एक महिला पार्षद से हस्ताक्षर कर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में अपनी स्वीकृति दी थी। लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के चलते मुख्यालय नहीं पहुंची थी। नपाध्यक्ष के विरुद्ध वार्ड 1 के पार्षद सिद्धूलाल पुष्पद, पार्षद शकीला बी वार्ड 03, पार्षद समीर खान वार्ड 5, पार्षद नासिरा बी वार्ड 6, पार्षद और नपा उपाध्यक्ष भावना वर्मा वार्ड 8, पार्षद दुर्गाबाई राठौर वार्ड वार्ड 10, पार्षद नाज़ी बी वार्ड 13, पार्षद इरफ़ान अली वार्ड 14, पार्षद राकेश पुष्पद वार्ड 15, पार्षद कमलकुमार शर्मा वार्ड 16, पार्षद सिद्धिबाई पुष्पद वार्ड 17, पार्षद रुक्मिणी बाई वार्ड 18 थी। इसमें इन्हों ने भ्रष्टाचार सहित अन्य कई आरोप लगाए थे।
इन पार्षदों ने नहीं किया था विरोध का समर्थन
नगरपालिका अध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद राजू बाई अहिरवार, 4 के पार्षद एवं नपाध्यक्ष पंकज पालीवाल, वार्ड क्रमांक 7 में गोपाल पाल, वार्ड क्रमांक 9 अमित गिरजे, वार्ड क्रमांक 11 मोहम्मद अली तथा वार्ड क्रमांक 12 आफरीन बी नफीस अली शामिल नहीं थे। नपाध्यक्ष के विरोध में 18 में से 6 पार्षद नहीं गए थे।

क्या बोले पार्षद
हमारा उद्देश्य सिर्फ नगर विकास है और कुछ नहीं, इसलिए हम चाहते थे कि नगर में स्थिरता बनी रहे और काम होते रहे।
गोपाल पाल, पार्षद, वार्ड 7

नगर पालिका में मैरे विरुद्ध रखे गए अविश्वास प्रस्ताव निरस्त के बाद नगर पालिका के सभी पार्षदों का आभार प्रकट करता हूं। शहर के विकास और भाजपा की मजबूती के लिए हमेशा कार्य करता रहूंगा। शहर के विकास में कोई कमी नहीं आने की जाएगी। पहले भी भेदभाव नहीं किया था और अब भी भेदभाव नहीं किया जाएगा। सभी मिलकर शहर के विकास में भागीदार बनेंगे।
पंकज पालीवाल, नपाध्यक्ष, सारंगपुर।