जान जोखिम में डाल बरातों में कर रहे ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग
शासन-प्रशासन को कराना चाहिए कार्रवाई

सारंगपुर।
सारंगपुर क्षेत्र से अन्य स्थानों पर टैक्टर-ट्राली पलटने से कई बार हो चुके हादसो से किसी ने सबक नहीं लिया। मालवाहकों में सवारी ढोने के दृश्य शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में आम बने हुए हैं। इसी तरह शनिवार को एक ट्रैक्टर जिसमें 50 से अधिक लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठे थे। ये किसी शादी में शामिल होकर लौट रहे थे। महिलाएं, पुरूष व बच्चों सहित अन्य सामान भी इसी ट्रैक्टर में रखा हुआ था। शहर के व्यस्ततम मार्ग होने के बावजूद वाहन शहर के बीच से गुजरता हुआ सीधे एनएच तक पहुंच गया। लेकिन इन्हे रोकने वाला कोई नहीं था। सवारियों को ठूंस-ठूंस की ट्रेक्टर में भरे होने के बावजूद कोई कार्रवाई ट्रेक्टर चालक के खिलाफ नहीं हुई। क्षेत्र भर में बरात व अन्य समारोहों में शहर व ग्रामीण अंचलों के लोग पिकप, ट्रैक्टर ट्राली व अन्य वाहनों में सवार होकर परिवहन कर रहे है।
कई गंभीर दुर्घटनाएं इस तरह के वाहनों में ठूंस-ठूंस भर का ले जाने के कारण घटित हो चुकी है। इसके बावजूद लोग हर रोज अपनी जान खतरे में डाल रहे है।
सिर्फ माल परिवहन की छूट
माल वाहक वाहनों में सिर्फ विभिन्ना निर्माण सामग्री को ढोने की छूट दी जाती है, लेकिन इन वाहनों का उपयोग लोग यात्री बस या कार की भांति करने लगे हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकता है। माल वाहकों में मटेरियल की तरह सवारी को ठूंस- ठूंस कर भर दिया जाता है, चालक वाहन को नहीं संभाल पाता और दुर्घटनाएं होती है।
ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले शादी ब्याह में बाराती के लिए आयोजक माल वाहकों का ही उपयोग करते है। पिकअप, ट्रैक्टर, मेटाडोर या ट्रक इन क्षेत्रों में सवारी ढोने का काम करते हैं, जो शादी के आयोजकों को सस्ते व सुलभ मिल जाते हैं। बरात के लिए बसों की बुकिंग आयोजकों को महंगी पड़ती है। निम्न व मध्यम परिवार के आयोजक बस की बुकिंग भी नहीं करा पाते। कई बार तो भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि लोग ऐसे वाहनों में खड़े-खड़े लटककर सफर करते हैं।
कुछ चालक नशे में भी होते है और ओवरलोड गाड़ियों को टर्निंग या तेज रफ्तार में संभाल नहीं पाते और हादसे होते हैं। इसके बावजूद इन घटनाओं के नियंत्रण के लिए कोर्ई प्रयास शासन-प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। इससे इस तरह वाहनों में भर कर परिवहन करने वाले लोगों को रोका जा सके व चालक व वाहन मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
जागरूकता की जरूरत
मालवाहक वाहनों में सावारियों को ढोने ग्रामीण व शहरी अंचलों में जागरूक करना आवश्यक है। शादियों के सीजन में ऐसे वाहनों में खतरनाक तरीके से सैकडों लोगों की जान खतरे में डाली जा रही है। शहर के व्यस्तम चौराहे आकोदिया नाका, पुराना बस स्टैंड में इस तरह के वाहनों को रोक कर कार्रवाई नहीं की जाती है। जागरुकता के अभाव व पुलिस की निष्क्रियता के कारण माल वाहन वाहनों में सवारियों का परिवहन बदस्तूर जारी है।
इनका कहना है
शदियों के सीजन में ऐसे कई वाहनों के खिलाफ कार्रवाई पुसि विभाग द्वारा की गई थी। समय-समय पर जागरुकता अभियान भी विभाग द्वारा चलाए जाते है। माल वाहक वाहनों में सवारियां ढोने वालों के चालकों के वाहन जब्त कर आर्थिक दंड का प्रावधान मोटर ह्वीकल एक्ट के तहत है। ऐसी स्थिति जहां भी निर्मित होती है कार्रवाई की जाती है।
आकांक्षा हाड़ा, थाना प्रभारी, सारंगपुर।