दीपावली पर पटाखा बाजार हटा तो मैदान पर पसरी गंदगी हवा के साथ कचरा क्षेत्र में फैल रहा, प्रतिबंधित पालीथिन का भी हो रहा था जमकर इस्तेमाल।
दीपावली पर पटाखा बाजार हटा तो मैदान पर पसरी गंदगी
हवा के साथ कचरा क्षेत्र में फैल रहा, प्रतिबंधित पालीथिन का भी हो रहा था जमकर इस्तेमाल।
सारंगपुर//
दीपावली के मौके पर शहर की कृषि उपज मंडी परिसर में पटाखों की दुकानें लगाई गई थी, मैदान पर जहां पटाखा दुकानें लगाई गई थी वहां अब कूडे और कचरे का ढेर लगा हुआ है। दीपावली पर सजे पटाखा बाजार में प्रतिबंधित पालीथिन का भी जमकर इस्तेमाल हुआ। दुकानें तो दीपावली के बाद ही हट गई थी लेकिन आलम यह रहा कि पटाखों की बिक्री कर मोटी आमदनी कमाने के बाद व्यापारियों ने मैदान में गंदगी के ढेर ऐसे ही छोड़ दिया। इसकी सफाई की और किसी का ध्यान नहीं है। जागरूक नागरिकों रहवासियों कहना है कि मैदान की तत्काल सफाई होनी चाहिए।
इस बार प्रशासन ने करीब 63 दुकानदारों को लाइसेंस जारी किया था। नियमों का पालन व्यापारी कर रहे हैं या नहीं, इसकी जांच करने के लिए अधिकारियों ने दुकानों की जांच की थी। लेकिन पटाखा बेंचने के बाद अपना कूडा-करकट उठाने किसी ने भी प्रयास नहीं किया। इसी का नतीजा है कि बडी तादाद में पालीथिन व प्लास्टिक और अन्य कचरे का ढेर लगा है।
कचरा आसपास क्षेत्र में फैल रहा
नपा हर साल दुकाने लगाने के एवज में व्यापारियों से राशि वसूलती है। हवा के साथ कचरा परिसर सहित क्षेत्र में फैल रहा है। दुकानदारों ने यहां से अपने टेंट हटा लिए और पीछे प्लास्टिक के साथ अन्य कचरा ऐसे ही छोड दिया। अब पूरे मैदान में कचरा है। यहां सफाई का जिम्मा प्रशासन का है लेकिन लापरवाही बरती जा रही है। नगरवासियों का कहना है कि अपने आसपास की सफाई रखने की जिम्मेदारी सभी की है। इस तरह कूडे का ढेर लगाना सही नहीं है। खुले में पडे पालीथिन को मवेशियों द्वारा खाने का अंदेशा बना रहता है। इस पर कडाई से बैन लगना चाहिए, ताकि चारों ओर का वातावरण स्वच्छ हो सके। नपा को प्राथमिकता के साथ इस तरह कचरा फैलाने वाले व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अमानक पालीथिन का उपयोग बंद हो जाता है, तो काफी हद तक शहर का प्रदूषण अपने आप दूर हो जाएगा। पूर्व में भी अधिकारियों के निर्देश पर पूरे शहर में लगातार अभियान चलाया गया था। कार्रवाई होता देख काफी हद तक इस पर रोक लग गई थी। कार्रवाई की गति ढीली पडते ही इसका उपयोग फिर से पूर्ववत होने लगा है। शहर में चाय की दुकानों के अलावा शराब दुकान के सामने भी डिस्पोजल पडे रहते है, इस और नपा का ध्यान नहीं है। ज्ञात हो कि पालीथिन की तमाम बुराईयों के चलते सरकार ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद चोरी-छुपे शहर में अमानक स्तर के पालीथिन का प्रयोग हो रहा है।
बोले जिम्मेदार
अमानक स्तर की पालीथिन पर प्रतिबंध को लेकर अभियान चलाया जाएगा। व्यापारियों को समझाइश दी जाएगी। पटाखों की दुकाने हटने के बाद कूडे और कचरे का ढेर को जल्द ही साफ कराया जाएगा।
एलएस डोडिया, सीएमओ, नपा, सारंगपुर।