परियोजना अधिकारी की सतर्कता से शतप्रतिशत हुआ मोबाइल सत्यापित करने का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग में दर्ज हितग्राहियों का होना था सत्यापन
परियोजना अधिकारी की सतर्कता से शतप्रतिशत हुआ मोबाइल सत्यापित करने का जिम्मा
महिला एवं बाल विकास विभाग में दर्ज हितग्राहियों का होना था सत्यापन।
सारंगपुर
पोषण ट्रैकर एप पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सत्यापन किए जाने के आदेश जारी शासन द्वारा किए गए थे। शासन प्रशासन के आदेशानुसार एक माह पहले ही प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के हितग्राहियों का मोबाइल नंबर सत्यापन किया जाना था, हालाकि अब यह कार्य सारंगपुर परियोजना में शत-प्रतिशत पूरा हो चुका है। बता दे की आंगनबाड़ी में दर्ज हितग्राहियों के मोबाइल नंबर सत्यापन के लिए शासन ने पोषण ट्रैकर एप पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सत्यापन किए जाने के आदेश जारी किए थे। जानकारी मिली है की जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सभी परियोजना के अधिकारी एवं पर्यवेक्षक को दिशा निर्देश जारी करते हुए जल्द से जल्द सत्यापन किए जाने को कहा गया है। जिसको लेकर परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर सहित सभी कर्मचारियों ने इसे धरातल पर शतप्रतिशत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, नतीजा 23 हजार नंबर सत्यापन करने का टारगेट पूरा कर सराहनीय कार्य किया है। परियोजना अधिकारी केदार शर्मा ने इस उपलब्धि का श्रेय आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं से लेकर ब्लॉक समन्वयक और पर्यवेक्षक को दिया है।
परिवार के अन्य सदस्य का नंबर भी जोड़ें
महिला एवं बाल विकास विभाग के रवि शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र द्वारा विभिन्न आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए थे कि, अगर कुछ हितग्राहियों के पास अपना स्वयं का मोबाइल नंबर नहीं है तो वह हितग्राही परिवार के सदस्य का मोबाइल नंबर चढ़वाकर हितग्राही के नाम को मोबाइल सत्यापन कराया जा सकता है। इसी के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ये कार्य पूर्ण किया है।
इसलिए करना था सत्यापन :
दरसअल यहां हम बता दें कि, पोषण ट्रैकर एप पर दर्ज आंगनबाड़ी केंद्रों के हितग्राहियों का मोबाइल सत्यापन इसलिए कराया जा रहा है क्योंकि एक तरफ केंद्र पर दर्ज हितग्राही चाहे जीरो से छः वर्ष के बच्चे हों या फिर गर्भवती महिलाएं उनके नाम के आगे मोबाइल नंबर चढ़ाना होता है जिसका मोबाइल नंबर कार्यकर्ता द्वारा दर्ज कर उसका सत्यापन करने के लिए संबंधित हितग्राही के मोबाइल पर ओटीपी भेजी जाती है। उस ओटीपी के चार अंकों को कार्यकर्ता के द्वारा पोषण ट्रैकर एप पर दर्ज कर हितग्राही का मोबाइल सत्यापन किया जाता है, जिससे शासन के द्वारा मिलने वाली पोषण उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं हितग्राहियों को पोषण जैसे आवश्यक खाद्यान्न के लिए जागरूक करने के लिए उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए उनको सूचित किया जा सके। इसी के चलते ज्यादातर सेक्टरों के अंतर्गत विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर मोबाइल सत्यापन कराए गए हैं।
कंप्लीट हुआ सत्यापन कार्य
शासन के निर्देशानुसार सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के हितग्राहियों का सत्यापन हमें ओटीपी के आधार पर करना था। उक्त कार्य हमनें शत प्रतिशत पूरा कर दिया है।
केदार शर्मा परियोजना अधिकारी सारंगपुर