सारंगपुर कृषि उपज मंडी में गेट सहित प्रमुख स्थानों पर नहीं दिखाई देते हैं सुरक्षा गार्ड। बगैर यूनिफार्म में करते है मंडी कार्यलय के महत्वपूर्ण कार्य
सारंगपुर कृषि उपज मंडी में गेट सहित प्रमुख स्थानों पर नहीं दिखाई देते हैं सुरक्षा गार्ड।
बगैर यूनिफार्म में करते है मंडी कार्यलय के महत्वपूर्ण कार्य
सारंगपुर
निजी कंपनी के माध्यम से कृषि उपज मंडी में तैनात 10 सुरक्षा गार्ड किसानों, व्यापारियों की सुरक्षा के बजाए कर्मचारियों की सेवा में लगे रहते हैं। जिससे यहां न तो असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाती है और न ही बेवजह आने वाले लोगों से पूछताछ होती है। हर कोई बेरोकटोक आता जाता रहता है। प्रवेश द्वार सहित सभी प्रमुख स्थान सूने रहते है। कंपनी द्वारा लगाए गए दस गार्ड मंडी परिसर में किसानों की सुरक्षा करने की बजाए कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के साथ या उनकी अनुपस्थिति में नीलामी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में संलिप्त रहते हैं। बता दे की मंडी परिसर के दो मुख्य प्रवेश द्वार, कार्यालय के बाहर सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर एक भी गार्ड तैनात नहीं रहता है। जिससे यहां आने जाने वाले लोगों से न तो कोई पूछताछ होती है और न ही उनका रिकॉर्ड रहता है, कि कौन कब किस समय किस काम से आया था। इसका फायदा उठाकर मंडी परिसर में बाहरी व्यक्ति, चोर आदि अनाज बेचने आने वाले किसानों व खरीद करने वाले व्यापारियों पर नजर रखे रहते है। किस किसान ने कितने रुपयों में कितना अनाज बेचा है। किसान के मंडी से बाहर निकलने बाहर निकलते ही चोर मौका पाकर चोरी की वारदात को अंजाम देने का भी अंदेशा रहता हैं। साथ ही बिचौलिया भी सक्रिय रहते है। जो किसानों को बिकी उपज को ज्यादा रुपयों का लालच देकर डाक रद्द करवा देते है। जिससे व्यापारियों को वह अनाज नहीं मिल पाता है।
बगैर यूनिफॉर्म के घुमते हैं गार्ड :
दिन हो या रात मंडी परिसर में एक भी गार्ड यूनिफॉर्म पहने नजर नहीं आता है। गार्डों के सादे कपड़ों में घूमने से किसान भी उनकी पहचान नहीं कर पाते हैं। कि कौन गार्ड है, कौन चोर। जिससे व्यापारियों व किसानों सहित अन्य लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
टीन शेड के नीचे व्यापारियों का कब्जा :
लाखों की लागत से बने टिनशेड को व्यापारियों ने अपना माल गोडाउन बना रखा है हाल यह है कि उपज बेचने आने बाले किसानों को जमीन पर अपने बोरी बोरो को रख कर अपनी उपज मंडी में बेचना पड़ता है। सवाल यह ही की मौसम अगर करवट लेते हुए बेमौसम बारिश करता है तो किसानों की उपज खराब होने का जिम्मेदार कोन होगा। क्या उनके नुकसान की भरपाई स्थानीय अधिकारी कर पाएंगे।
मंडी में आवारा पशुओं की भरमार :
यहां लहसन प्याज व अनाज मंडी में आवारा पशुओं को अवसर घूमते और विवरण करते देखा जा सकता है जिससे किसानों के अनाज की चोरिया भी इन पशुओं द्वारा फाड़ दी जाती है। जिसकी शिकायत भी अनेक बार किसानों द्वारा की गई लेकिन इस और अभी तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ठोस कार्रवाई नहीं दिखाई है।
अभी नही आई यूनिफार्म
कृषि उपज मंडी में लगभग 10 सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति हुई है। अभी तक कंपनी की तरफ से गार्डों को यूनिफार्म नही मिली है, जैसे ही ड्रेस आएगी गार्डों को यूनिफार्म में ड्यूटी करने को बोला जाएगा, किसानों की सुरक्षा को लेकर में अभी निर्देश देता हू।
एसके खरे प्रभारी सेकट्री कृषि मंडी सारंगपुर