नियमानुसार आरटीओ से लेना होती है परमिशन, निर्धारित शुल्क जमा करना भी अनिवार्य

सत्यनारायण वैष्णव (सारंगपुर)

सारंगपुर ।   शहर में कई कबाड़ियों की दुकान हैं। जो बिना अनुमति पुराने वाहन कम दामों में खरीदकर वाहन तोड़कर बेच रहे हैं। इस तरह कबाड़ियों द्वारा शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। यह देखने में आ रहा है कि कबाड़ियों द्वारा गाड़ी मालिक से कम कीमत में वाहन खरीद कर उसे परिसर में तोड़कर वाहन के पुर्जे अलग अलग बेच दिए जाते हैं। शासन के नियमानुसार किसी भी पुराने कंडम वाहन को तोड़ने से पहले उसकी अनुमति परिवहन विभाग से प्राप्त करना होती है। जिसके लिए सबसे पहले पंजीयन विभाग में आरसी की प्रति के साथ एक आवेदन देना होता है। आवेदन प्राप्त होने के बाद परिवहन विभाग उक्त गाड़ी का निरीक्षण कर वाहन तोड़ने की अनुमति देता है। शासन के नियमानुसार यदि कोई वाहन जो निजी उपयोग का है। उक्त वाहन तोड़ने की अनुमति के लिए परिवहन विभाग में आवेदन दिया जाता है, आवेदक को वाहन के हिसाब अनुसार 200 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक शासन को पंजीयन निरस्त करने की अनुमति शुल्क का प्रावधान है। जिसे परिवहन विभाग जमा करने के उपरांत अनुमति प्रदान करता है।

व्यावसायिक वाहनों का भरना होता है टैक्स :

शासन के नियमानुसार यदि कोई वाहन व्यवसायिक उपयोग का है तो वाहन फिटनेस कमर्शियल टैक्स, परमिट का पैसा आदि अनुमति प्राप्त करने की तिथि तक परिवहन विभाग को अदा करना होता है। जिसके उपरांत परिवहन विभाग द्वारा अनुमति जारी की जाती है।

फीस के अलावा मांगी जाती है अतिरिक्त राशि :

इस संबंध में एक गाड़ी तोड़ने वाले से जब जानकारी ली गई तो बताया कि स्क्रैप की गाड़ी तोड़ने में अनुमति प्राप्त करना होता है। उन्होंने बताया जितने रुपए में हम लोग कबाड़ में वाहन खरीद के लाते हैं उससे कहीं अधिक राशि स्क्रैप की अनुमति लेने में लग जाती है इस कारण हम बिना अनुमति के वाहन तोड़ते हैं।

परिवहन विभाग नहीं करता कार्रवाई :

सूत्रों की माने तो इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा लंबे समय से कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते कबाड़ियों के हौसले बुलंद हैं। ऐसी स्थिति में चोरी हुई गाड़ियां अथवा कोई ऐसा वाहन जिसके द्वारा कोई बड़ी दुर्घटना की गई है वह भी तोड़कर विक्रय किया जा सकता है।

पूर्व में दर्ज हो चुका है चोरी का मामला :

सूत्रों की माने तो शहर के वार्ड क्रमांक 2 में संचालित कबाड़ खाना दुकान पर पूर्व में सारंगपुर थाना सहित शाजापुर पुलिस द्वारा भी कार्रवाई की जा चुकी है, इन कबाड़ियों से चोरियों की गई मोटर सहित कई प्रकार के उपकरण पुलिस द्वारा बरामद कर अपनी गिरफ्त में लिए गए थे। बावजूद इसके यह सिलसिला बदस्तूर रूप से जारी है।

केंद्र की योजना भी हुई विफल :

केंद्र सरकार द्वारा नई स्क्रेप नीति के अंतर्गत योजना बनाई गई है। जिसमें कोई भी व्यक्ति अपना पुराना वाहन शोरूम में जाकर कटवा कर वही नंबर अपने नए वाहन के लिए ले सकता है। इस योजना में उपभोक्ताओं में किसी प्रकार की कोई रुचि देखने को नहीं मिल रही है। कबाड़ियों द्वारा कम दामों पर बिना अनुमति कंडम या दुर्घटनाग्रस्त वाहन खरीदकर वाहन तोड़ने का काम वर्षों से किया जा रहा है। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आज तक इनकी जांच नही की गई। जिससे प्रतीत होता है कि कहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों से कबाड़ियों की मिली भगत तो नहीं है।

क्या कहना है इनका

में पुलिस भेजकर दिखवाती हूं यदि ऐसा पाया जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

आकांक्षा शर्मा नगर निरीक्षक थाना सारंगपुर