कायाकल्प योजना में सिविल अस्पताल सारंगपुर पहुंची दूसरे जिले की टीम, चिकत्सालय का किया निरीक्षण।
कायाकल्प योजना में सिविल अस्पताल सारंगपुर पहुंची दूसरे जिले की टीम, चिकत्सालय का किया निरीक्षण।
अस्पताल ओपीडी में सैकड़ों मरीज व स्टाफ संसाधनों का आभाव देख टीम बोली व्यवस्था तारीफ योग्य सारंगपुर
हर साल चलने वाले कायाकल्प अभियान के तहत गत दिनों दूसरे जिले से आई डॉक्टरों की टीम ने पहले असेसमेंट के तहत सिविल अस्पताल सारंगपुर का निरीक्षण किया। जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर बारीकियों से जांच पड़ताल कर कमियां और अच्छाईयों को तलाशा। टीम ने अस्पताल के हर कोने में जाकर बारीकी से निरीक्षण भी किया। कायाकल्प टीम ने अस्पताल के सभी बोर्ड और ओटी ,आइसीयू पैथोलॉजी लैब, बायोमेडिकल वेस्ट, लॉन्ड्री, लेबर रूम आदि का निरीक्षण किया। टीम ने एसएनसीयू, आइसीयू, ओटी आदि में भी जाकर बारीकी से निरीक्षण कर वास्तु स्थिति को जाना। इस दौरान अस्पताल की बंद ओपीडी में निश्चेतना विशेषज्ञ नही होने पर उच्चाधिकारियों को सिविल अस्पताल में आ रही परेशानी से अवगत कराने की बात कही, साथ ही साफ-सफाई एवं स्टाफ के व्यवहार की तारीफ की, टीम ने कहा कि सिविल अस्पताल में मौजूद इतने कम स्टाफ व संसाधनों के बीच इतने मरीजों का उपचार मुहैया कराना प्रशंसनीय कार्य है। ज्ञात हो कि कायाकल्प अभियान के तहत हर साल सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया जाता है। जिसमें 80 बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर अंक दिए जाते हैं।
3 बार मिल चुका है पुरस्कार :
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले चरण में दूसरे जिले की टीम निरीक्षण करने पहुंचती हैं, जिसमे 70 प्रतिशत से अंक पाने वाले अस्पताल को कायाकल्प में शामिल किया जाता है। इसके बाद फिर स्टेट की टीम निरीक्ष करने पहुंचती है, स्टेट की टीम के बाद बेहतर अंक पाने वाले अस्पताल को पुरस्कृत किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सारंगपुर सिविल अस्पता अधीक्षक डॉक्टर मनीष चौहान को पूर्व में दो बार कायाकल्प टीम द्वारा पुरस्कृत कर प्रस्तिपत्र सहित लक्ष्य प्राप्ति पर प्रोत्साहन मिल चुका है।
परखी स्वास्थ्य सुविधा :
जांच के लिए पहुंची टीम ने मुख्य गेट से जांच शुरू की। इसके बाद वहां पर परिसर में पानी भरा दिखाई दिया, ऐसे में संबंधित को पानी यहां पर नहीं भरने का नियम को बताते हुए तत्काल पानी हटाने के लिए पाइप सहित अन्य व्यवस्था करने की बात कही। साथ ही अस्पताल के अन्य स्वास्थ्य सुविधा सेवाएं परखी। हालांकि यह पहला निरीक्षण है, सामान्य होता है।
टीम आई तो व्यवस्थित दिखी पार्किंग :
अस्पताल परिसर में आम तौर पर हर रोज अव्यवस्थित पार्किंग रहती है। परिसर में कहीं भी लोग अपने वाहन कार, बाइक को पार्क कर देते है। इससे किसी को कोई मतलब नहीं रहता है। ऐसे में कई बार मरीजों को भी परेशानी होती है। साथ ही देखने में अच्छा नहीं लगता है। अव्यवस्थित पार्किंग के बारे में पहले ही कायाकल्प की टीम नेकव्यवस्थित करने के निर्देश दे दिए है। इसके बावजूद पार्किंग जस की तस दिखाई देती है। गुरुवार को जब कायाकल्प की टीम पहुंची तो व्यवस्थित स्टेंड में ही वाहन नजर आए।
कायाकल्प में इन बिंदुओं की परख :
अस्पताल रखरखाव
स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन
संक्रमण रोकथाम,
नियंत्रण सहायता सेवा
स्वच्छता संवर्धन
पर्यावरण अनकूल सुविधा
बता दे की कायाकल्प का उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता, सफाई और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देना है। स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के मानक प्रोटोकॉल का पालन करने में अनुकरणीय प्रदर्शन दिखाते हैं।
अधीक्षक ने की अपील
वैसे तो अस्पताल में हर जगह डस्टबिन, कूड़ेदान, रखे हुए है। लेकिन कई मरीज पिक से दीवारों को गंदी करते है। हमारी सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों से अपील है कि वह चिकत्सालय में स्वच्छता का ध्यान रखें। साथ ही मरीज व परिजन परिसर में बेतरतीब वाहन खड़े न करें।
डॉक्टर मनीष चौहान अधीक्षक सिविल अस्पताल सारंगपुर