हर दिन निजी बसों से ढोया जा रहा ओवरलोड समान, हादसों को दे रहे न्योता छत पर ही नहीं सवारियों की सीट के नीचे भी रखा जा रहा भारी समान

हर दिन निजी बसों से ढोया जा रहा ओवरलोड समान, हादसों को दे रहे न्योता
छत पर ही नहीं सवारियों की सीट के नीचे भी रखा जा रहा भारी समान
सारंगपुर
नगर से लेकर इंदौर ग्वालियर हाइवे पर निजी बस संचालक छतों पर ओवरलोड सामान भरकर तेज दौड़ा रहे हैं। इससे हर समय हादसे की आशंका रहती है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान भी नहीं दे रहे है। हाइवे पर संचालित बसों के संचालक सवारियों के साथ माल को लोडिंग कर इनका संचालन करते हैं। इसके अलावा इन बसों में सवारियां भी क्षमता से अधिक भरी रहती हैं। सवारी बसों में इनके पीछे की डिक्की में यात्रियों का सामान रखने का प्रावधान है। इतना ही नहीं, बस के अंदर भी सामान लोड़कर दौड़ाया जा रहा है।
बस की छत पर सामान रखना नियमों के विरूद्ध है, लेकिन हर एक बस संचालक नियमों को ताक पर रखकर बसों की छत पर रस्सियों से सामान बांध कर परिवहन कर रहे है। बस संचालक सवारियों के अलावा सामान किराए के रूप में अलग से रुपए वसूलते हैं। बसों की छत पर भारी सामान चढ़ाने-उतारने के दौरान हादसा हो सकता है। इसके अलावा सड़क से गुजरने के दौरान सामान बंधी रस्सी टूटने की भी आशंका रहती है। बता दे कि इसको लेकर राज्य शासन ने यात्री बसों पर माल लोडिंग नहीं करने के आदेश जारी कर रखे है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।
राज्य में बस में सामान ले जाने के लिए ये नियम हैं :
सामान को ठीक से पैक करें, सामान पर अपना नाम और फ़ोन नंबर लिखें।
सामान का वज़न और आयाम तय सीमा से ज़्यादा न हो।
सामान को सीट के नीचे या ओवरहेड रैक में रखें।
वीडियो कोच बसों की कुछ सीटों के नीचे हीटर लगे होते हैं, इसलिए वहां सामान न रखें।
ड्राइवर, ठीक से पैक न किए सामान को ले जाने से मना कर सकता है।
बस में चढ़ने से पहले सामान को बस में लगेज डक्ट में डाल दें।
लगातार कार्रवाई करते
परिवहन विभाग ओवरलोड बस के चालान बनाता है व कई बार बस को जब्त भी किया जाता है। इसके बाद भी जो नहीं मान रहे है, उनके परमिट निरस्त करवाने की कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञानेंद्र वैश्य, जिला परिवहन अधिकारी, राजगढ़