बाजार की खाद्य सामग्री से बिगड़ रही सेहत
गर्मी के मौसम में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़, खाद्य वस्तुओं की नहीं हो रही जांच

साल में एक दो बार करता है विभाग औपचारिकता पूर्वक कार्रवाई

सारंगपुर

गर्मी का मौसम और बाजार में बिक रही दूषित खाद्य सामग्री लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। लेकिन दूषित खाद्य सामग्री की बिक्री को रोकने और कार्रवाई करने के लिए खाद्य निरीक्षक जिम्मेदारी नहीं निभाते है। स्वास्थ्य विभाग के जिलाधिकारी इस दिशा कार्रवाई से परहेज कर रहे है। नगर प्रशासन की मानो लोगों की की सेहत से कोई सरोकार नहीं है। नतीजन लम्बे समय से सारंगपुर में खाद्य सामग्रियों की जांच के सेंपल नहीं लिए गए है। बाजार में लोगों की सेहत से हो रहे खुलेआम खिलवाड़ से सिविल अस्पताल सहित निजी स्वास्थ्य केन्द्रों पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र से विभिन्न् संक्रमित बिमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। खास तो यह है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन अमला जिले में अमला विहीन की तरह दिखाई देता है क्योंकि कार्रवाई उनके द्वारा त्यौहारों को छोड़कर नहीं की जाती है, जिससे दूषित खाद्य सामग्री विक्रेताओं में कार्रवाई का खौफ समाप्त हो गया है।

सब्जी, फलों में रसायन का प्रयोग :

बाजार में बिक रहे फलों और सब्जियों में रसायन का उपयोग किया जा रहा है। फलों की ताजगी बरकरार रखने और उन्हें दुर्गन्धमुक्त बनाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है।
खुले में रखी है सामग्री
खाद्य सामग्री बनाकर बेचने वाले होटल कारोबारियों के यहां खाद्य सामग्री खुले में रखकर बैंची जा रही है, जिन पर धूल, मक्खी, मच्छरों का सायां रहता है। इन्हें लोगों द्वारा सेवन किया जा रहा है।
सफाई पर नहीं ध्यान
शहर की अधिकांश होटलों पर स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। झूठे कागजों, पालीथिन और गंदे पानी के सड़ने से दुर्गन्धयुक्त माहौल में खाद्य सामग्रियां बिक रही है।
खतरनाक हो सकती है खुली खाद्य सामग्री
क्षेत्र में पड़ रही गर्मी के इस मौसम में होटलों एवं हाथ ठेलागाड़ियों पर नमकीन, मिठाई की सामग्री बिना ढंके बेचे जाने से बीमारियां फैलने की आशंका है। जिला प्रशासन हर वर्ष गर्मी में होटलों पर खुले में खाद्यान्ना रखने व बेचने पर प्रतिबंध लगाता है, पर इस वर्ष अभी तक इस दिशा में कोई प्रयास या आदेश नहीं हुए है। शासकीय चिकित्सालय सारंगपुर के अधीक्षक डॉ. मनीष चौहान ने बताया कि गर्मी के दिनों में खान-पान में सतर्कता जरूरी है। बिना ढंकी व बासी खाद्यान्ना सामग्री का सेवन नहीं करना चाहिए। खुली वस्तुओं से बीमारियों का अंदेशा रहता है। इसलिए फलों व सब्जियों को बाजार में लाने के बाद साफ पानी से धोकर ही उपयोग करना चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति गंभीर :

खुले में खाद्यान्न सामग्री बिक्री के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति गंभीर नजर आती है। ग्रामों में लगने वाले हाट बाजारों में खाद्यान्न वस्तुएं खुली ही जमीन पर दुकानों में लगी नजर आती है। इससे खाद्य पदार्थों में धूल, मिट्टी के कण मिल जाते हैं। हाथ ठेलागाड़ियों पर फलों को बेचने के लिए काटकर रखते हैं। इससे मक्खी-मच्छर फलों के ऊपर बैठते हैं। खुले खाद्य पदार्थों के सेवन से क्या नुकसान होता है, इसकी जानकारी लोगों को नहीं होने से वे उपयोग कर लेते हैं।

कार्रवाई की जाएगी
जल्द ही सारंगपुर शहर ग्रामीण अंचल में खाद्य सामग्रियों के सेंपलिंग लेकर नियम तोड़ने वालो पर भी कार्रवाई की जाएगी।
एसएस खत्री खाद्य अधिकारी राजगढ़।