किताबों, गणवेश के लिए गाइडलाइन तय नहीं, अभिभावकों पर फिर बढ़ेगा बोझ।

निजी स्कूलों को फीस निर्धारण के लिए करना पड़ेगा गाइड लाइन का पालन ।

सारंगपुर

निजी विद्यालयों के मनमाना फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने गाइड लाइन तय की गई है, लेकिन गणवेश व पुस्तकों को लेकर अभी भी कोई मापदण्ड तय नहीं हो पाए हैं। इस छूट का फायदा उठाकर निजी विद्यालय जहां एनसीईआरटी के साथ अन्य पब्लिशर्स की पुस्तकों का संचालन कर रहे हैं, वहीं अलग अलग गणवेश का बोझ कम नहीं हुआ है। इस वर्ष शिक्षण सत्र प्रारंभ होते ही अभिभावकों को इस बात की चिंता सताने लगी हैं। उल्लेखनीय है कि शुल्क के साथ ही पुस्तक व गणवेश के संबंध में आवश्यक जानकारी पोर्टल के साथ ही सूचना पटल पर चस्पा करने के निर्देश हैं। इसके बाद भी अधिकांश निजी विद्यालय पुस्तकों के पब्लिशर्स के साथ ही उनके दामों को लेकर जानकारी अपडेट नहीं करते हैं। इसके बाद शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के साथ ही अभिभावकों पर अन्य पब्लिशर्स के पुस्तकों के साथ ही अलग अलग गणवेश का पत्र भेज देते हैं। इससे परिजनों को अच्छी खासी परेशानी के साथ ही अधिक व्यय करना पड़ता है। इसके लिए भी गाइड लाइन निर्धारित हो तो अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी।

10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ा सकते फीस :

विभागीय सूत्रों की माने तो फीस निर्धारण को लेकर गाइड लाइन तय की गई है। गाइड लाइन के अनुसार विद्यालयों में फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। फीस वृद्धि की जानकारी डीईओ कार्यालय में प्रारूप 3-1 में देना अनिवार्य किया गया है। विद्यालयों को 10 से 15 प्रतिशत तक फीस वृद्धि के लिए जिला शिक्षा कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसके बाद कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति से अनुमति के बाद ही फीस वृद्धि कर सकेंगे। इसके अलावा 15 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि के लिए राज्य स्तरीय समिति से स्वीकृति के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।

आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट करनी है जानकारी :

स्कूल शिक्षा विभाग की माने तो निजी विद्यालयों के लिए फीस को लेकर आवश्यक गाइड लाइन जारी की गई है। निजी विद्यालयों को आधिकारिक वेबसाइट पर प्रवेश, फीस, गणवेश एवं पुस्तक संबंधी सभी जानकारी अपलोड करना होगा। इसके साथ ही विद्यालय के सूचना पटल पर भी कक्षावार विस्तृत जानकारी चस्पा करना अनिवार्य है। कोई भी निजी विद्यालय अभिभावकों पर निर्धारित दुकान से गणवेश व पुस्तक क्रय करने का दबाव नहीं बना सकता है।

पुस्तकों के लिए कोई सख्त निर्देश नहीं :

निजी विद्यालयों में पुस्तकों को लेकर कोई सख्त निर्देश जारी नहीं है। एनसीईआरटी की पुस्तकें संचालित करने के निर्देश तो दिए गए हैं, लेकिन इसके साथ अन्य पब्लिशर्स की पुस्तकों पर कोई रोक नहीं है। इसका निजी विद्यालय प्रबंधन पूरा फायदा उठा रहे हैं। साथ ही पुस्तकों की रेट सूची सहित अन्य जानकारियां भी अपडेट नहीं की जा रही है।

नहीं बना सकते दबाव
फीस निर्धारण को लेकर सख्त गाइड लाइन जारी की गई है। पुस्तकों व गणवेश किसी निर्धारित दुकान से खरीदने का दबाव स्कूल संचालक नहीं बना सकते। ऐसी किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर स्कूल संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीएल वर्मा बीआरसी सारंगपुर