रंग में कही पड़ ना जाए भंग: डॉक्टर बोले होली के दिन रखें ये सावधानियां, वरना हो सकती है सेहत खराब

रंग में कही पड़ ना जाए भंग:
डॉक्टर बोले होली के दिन रखें ये सावधानियां, वरना हो सकती है सेहत खराब
न्यूज, सारंगपुर।
होली का रंग सारंगपुर में भी चढने लगा है...बाजार विभिन्ना रंगों से सजा नजर आ रहा है। वहीं बच्चों को भी मस्ती उल्लास और हुडदंग के इस पर्व का खास इंतजार है। शहर में सर्व हिंदू उत्सव समिति द्वारा भव्य तैयारियां की गई है जिसके तहत गुरुवार रात्रि में बाल रुप हनुमान मंदिर पर सुंदर कांड का आयोजन हुआ है। शहर में पांचों दिनों तक जमकर रंग उडाया जाएगा। लिहाजा पूरे क्षेत्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।
गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे के साथ प्रेम से मनाने वाले होली पर्व पर जमकर गुलाल और रंग उडाया जाएगा, लेकिन डाक्टरों की माने तो केमिकल युक्त रंग आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आप सावधानी पूर्वक इनका इस्तेमाल करें। यदि रंगों से आपको एलर्जी हो तो ऐसे में आप इनसे दूरी बनाए।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अंकित यादव का भी मानना है कि केमिकल युक्त सिंथेटिक के बजाय हर्बल रंग या गुलाल का इस्तेमाल करना उचित होता है। जिससे स्किन इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
केमिकल युक्त रंग और गुलाब से होने वाले ज्यादातर मामले मे रंग लगने के बाद लाल धब्बे और खुजली होने लगती है। ऐसे गंभीर मामले बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। अगर रंग या गुलाल खेलने के बाद खुजली होती है, तो तुरंत उस जगह को साफ पानी से धो लेना चाहिए। अगर खुजली तब भी खत्म नहीं हो रही हो या बढ़ रही हो, तो अपने नजदीकी डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
डा. अंकित यादव, शिशु रोग एवं त्वचा रोग विशेषज्ञ, सारंगपुर सिविल अस्पताल।
जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें होली के दिनों विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, गडबड खानपान के कारण शुगर लेवल बढने का खतरा हो सकता है। डायबिटीज की ही तरह, श्वसन रोगों के शिकार जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को भी होली में सेहत को लेकर अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है। सिंथेटिक रंग, हवा में मौजूद सूक्ष्म कण और अलाव से निकलने वाला धुआं सांस संबंधी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। होली खेलते समय जरा सी भी लापरवाही अस्थमा को ट्रिगर करने वाली हो सकती है, जिसको लेकर सावधान रहना जरूरी है।
डा. मनीष चौहान, सिविल अधीक्षक, सिविल अस्पताल, सारंगपुर।
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