पुरानी कचहरी सहित आधा दर्जन भवन अनुपयोगी ।

खौफ के साए में शहरवासी, शासकीय जर्जर भवनों की नहीं ले रहे सुध।


सारंगपुर//

शहर में शासकीय अनुपयोगी भवनों की भरमार है, लगभग 12 सालों से पशु चिकित्सालय ढहाने की कार्रवाई स्थानीय विभाग से लेकर कलेक्टर कार्यालय के पत्रों में उलझी हुई है। ठीक इसी प्रकार शहर के बीचोबीच पुरानी जनपद, तहसील कार्यालय की भी सुध लेने वाला कोई नहीं दिखाई दे रहा, हालत यह है कि यहां निवासरत रहवासी अक्सर खौफ के साए में दिखाई देते है।
उल्लेखनीय है कि पशु चिकित्सालय का पुराना जर्जर भवन तोड़ने की कार्यवाही 12 सालों में भी पूरी नहीं हो सकी है। यहां के पुराने जर्जर भवन को ढहाने के लिए दफ्तर के अधिकारी साल 2012 से अफसरों से लगातार पत्राचार कर रहे हैं, अलबत्ता पुराने भवन को अनुपयोगी घोषित किया जा चुका है। साल 2018 में इस भवन को अनुपयोगी घोषित करने के बाद से अब तक इसे ढहाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने ठोस कार्यवाही नहीं की है। अब भवन के अधिकांश हिस्से कमजोर होकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इतना ही नहीं भवन की छत का प्लासटर भर भराकर लगातार क्षरण के साथ गिर रहा है। इधर पुराने अनुपयोगी भवन के कभी भी गिरने से संभावित दुर्घटनाओं का खतरा बरकरार है। पशु चिकित्सालय के अफसरों ने बीते साल 2022 के नवंबर में भी लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर पुराने अनुपयोगी भवन को ढहाने की मांग की थी, प्रशासनिक सुस्ती का इससे अच्छा उदाहरण भी नहीं कि अब तक भवन को नहीं ढहाया गया है।

5 बार पत्र लिखे स्मरण के बावजूद नहीं बदले हालात :

पशु चिकित्सालय के अफसरों ने साल 2012 से लेकर अब तक वरिष्ठ स्तर पर 5 पत्र लिखे हैं। हालाकि पुराने भवन के अनुपयोगी घोषित कर देने के साथ ही यहां नया भवन बना दिया गया था। इसी नए भवन में दफ्तर के काम काज किए जा रहे हैं। यहां सेवारत कर्मियों का कहना है कि नए भवन के ठीक सामने स्थित पुराने जर्जर भवन से दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

इन स्थानों पर जर्जर हो चुके सरकारी भवन :

तहसील भवन लोक निर्माण विभाग ने इसे साल 2020 में असुरक्षित व अनुपयोगी घोषित किया था। अभी आधा भवन ढहाया गया है। इसे ढहाने में विभाग की कोई रुचि देखने को नहीं मिली है। वही सरकारी भवन नगर का गांधी चौक पुराना तहसील भवन बेहद जर्जर हालत में है। उसकी दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। पूर्व में अनेक बार इस भवन का हिस्सा अलग अलग जगह गिर चुका है। इसी तरह पुरानी जनपद पंचायत कार्यालय भवन भी ऐसी ही स्थिति में है। जबकि किला परिसर मैदान के आसपास बने हॉट बाजार व स्थित भवनों में रहवासी घूमते व रहते है। ऐसे में यह भवन धराशाई हुआ तो बड़ा हादसा हो सकता है। वही सिविल अस्पताल परिसर में बना पुराना अस्पताल इन दिनों जर्जर होने से नए सिविल अस्पताल की सुंदरता को पलीता लगा रहा है, उक्त भवन में रात के समय असामाजिक तत्व मंडराते रहते है। जानकारी यह भी है कि अस्पताल के कई बेशकीमती उपकरण अस्पताल से चोरों द्वारा साफ कर दिए गए है। साथ ही यहां जीवजंतु पनपने की ख़बरें अक्सर मिलने से मरीजों के परिजनों में भय बना रहता है।  

तत्कालीन लोनिवि एसडीओ ने लिखा था हमारे पास संसाधन नहीं
पशु चिकित्सा विभाग के पशु चिकित्साधिकारी डॉ अमित शाक्य के अनुसार लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन एसडीओ ने लिखकर दिया था कि हमारे पास भवन को ढहाने के लिए संसाधन नहीं है। आप ही ढहाने की कार्यवाही करें। 

उच्चाधिकारियों के पास उलझी फाइल
पुराने शासकीय भवन अभी जर्जर हालत में, हमारे विभाग के हिसाब से है या नहीं यह तो देख कर ही बता पाएंगे। लेकिन पशु चिकित्सालय ढहाने की फाइल जिला स्तर पर उच्चाधिकारियों के कार्यालय में रुकी हुई है। तोड़ने के निर्देश आने के बाद ही हम कार्रवाई करेंगे।
दीपक कुमार  एसडीओ लोकनिर्माण सारंगपुर