पशु किसान केसीसी योजना को बैंक लगा रहे पलीता:
पशुओं के रखरखाव के लिए पालकों को नहीं मिल रहा बिना गारंटी ऋण
सारंगपुर ब्लाक की बैंक शाखाओं  में 779 पशु पालकों के आवेदन, ऋण राशि मिली 128 को 

राजगढ़ न्यूज

पशुपालक किसानों के लिए सरकार ने पशुपालन बढ़ावा देने के लिए पांच वर्ष पहले पशु किसान के्रडिट कार्ड योजना(केसीसी योजना) चलाई है जिसके तहत पशु पालको को दुधारू पशुओं की देखभाल और मछली पालकों के लिए बैंकों से पशु किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन ले सकते है। इसलिए जहां ब्लाक भर की बैंको को करीब 2 हजार प्रकरण का लक्ष्य दिया था, लेकिन इसमें सारंगपुर ब्लॉक में यह लक्ष्य तो दूर लेकिन जितने आवेदन किसान एवं पशु पालको ने किए उनमें से महज 16 फीसदी आवेदकों को केसीसी ऋण राशि दी गई। का है। ब्लाक की स्थिति है कि बैंक को ने योजना को गंभीरतापूर्वक नहीं लेते हुए विकासखंड में बैंको की समस्त 20 शाखाओं ने पशु पालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत पशु पालन किसान के्रडिट कार्ड हेतु बैंकों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रकरण पर ध्यान नहीं दिया और केवल 128 प्रकरणों में 2 करोड 56 लाख 8 हजार 229 रुपये मात्र का ऋण दिया, जिसमें सबसे सबसे अग्रणी सारंगपुर एसबाई और मप्र ग्रामीण बैंक की विभिन्न् शाखाए है।
विस्तार से जानिए..क्या है योजना?
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित शाक्य ने बताया कि गाय-भैंसो पर मिलने वाले किसान क्रेडिट कार्ड पर हर तीन माह में पलटी करना होगी। यह ऋण मवेशियों पर 3 माह के लिए मिलेगा। तय समय में ब्याज सहित पलटी करने पर अगले दिन ब्याज की राशि काटकर शेष पूरी राशि फिर से किसानों को प्रदान कर दी जाएगी। इसी के साथ यह भी तय किया है कि निर्धारित समय में अलटी-पलटी करने एवं भुगतान करने वालो को 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज पर अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रावधान है कि इस योजना के तहत 18 हजार रूपय प्रति भैंस एवं 15 हजार रूपय प्रति गाय की देखभाल के लिए तीन माह के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। 1 लाख 60 हजार रूपये तक की ऋण की राशि बिना कोई गांरटी के दी जाएगी।
योजना की ब्लाक में यह है स्थिति
प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लाक के 9 सेक्टर में एक अप्रैल 2024 से 3 फरवरी 2025 तक कुल 779 पशु पालको ने केसीसी लेने के लिए बैंकों में आवेदन किया था, जिनमें से बैंको ने मात्र 152 पशुपालको को के आवेदनों को स्वीकृत किया और महज 128 को ऋण की राशि दी। इस तरह ब्लाक में यह योजना पुरी तरह से फिसड्डी साबित हुई। जबकि ब्लाक में पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अमित शाक्य के नेतृत्व में एवीएफओ प्रेम किशोर खिंची, एनसी जाटव, निर्मल काषदे, सुमेरा मिर्जा, सचिन सूर्यवंशी, सुरेश दांगी, नीरज नागर, धावल कुमावत तथा आरसी जांगडे ने गांव-गांव फिल्ड पर पहुंचकर किसानों को जागरुक कर 779 आवेदन कराए, लेकिन बैंक ने ऋण देने में रुचि नहीं ली और योजना के लाभ से लोग वंचित नजर आ रहे है।
आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेज
ह्ण समग्र आइडी
ह्ण आधार कार्ड
ह्ण पैनकार्ड या वोटर आइडीकार्ड
ह्ण जमीन पावती
ह्ण केसीसी बैंक खाते की कॉपी
ह्ण स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र
ह्ण आयु 65 वर्ष से अधिक नही होनी चाइये
ह्ण एक पासपोर्ट फोटो
ह्ण खतोनी बी-1 की नकल
ह्ण खसरा पी-2 की नकल
बोले जिम्मेदार
किसानों पशु पालकों के लिए चलाई जा रही योजना का पिछले वर्ष भी पशु पालको को लाभ नहीं मिला है। जिन किसानों ने भी आवेदन दिए उनको बैंक लोन देने में आना-कानी की गई। योजनाएं कागजों तक सिमट कर रह जाती है। किसानों एवं पशु पालकों की स्थिति दयनीय होती जा रही है। इसलिए सरकार को किसानों की स्थिति पर ध्यान देना चाहियें।
सरकार की योजना के तहत पशुओं के रखरखाव के लिए पशु पालक ऋण राशि प्राप्त कर सकते है। निर्धारित समय में अलटी-पलटी करने एवं भुगतान करने वालो को 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज पर अनुदान दिया जाता है। हमारे द्वारा योजना का प्रचार-प्रसार किया जात है। और समय-समय पर बैंको को ऋण देने के लिए चर्चा भी की जाती है। आगामी बैंक में इस संबंध में चर्चा की जाएगी।
डॉ. एमपी सिंह, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, राजगढ़।
सारंगपुर विकासखंड सहित जिले में सभी बैंक शाखाएं सरकार की पशु किसान केसीसी योजना के तहत पशु पालकों कों नियमानुसार निर्धारित ऋण देने के लिए तत्पर है। जो पात्र नहीं होते है और जिनकी सिविल खराब होती है, उन्हें ऋण देने में दिक्कते बैंको को आती है। फिर भी बैंक प्रबंधकों की बैठक में इस संबंध में चर्चा कर निर्देशित किया जाएगा।
एनके पाटीदार, प्रबंधक, लीड बैंक, राजगढ़।