बोर्ड एग्जाम में बेहतर टाइम टेबल, रिविजन से आएंगे अच्छे अंक

बोर्ड द्वारा सुझाई गई पाठ्यपुस्तकों से तैयारी करना बेहतर, रटने के बजाय कॉन्सेप्ट समझे

सारंगपुर//

बोर्ड एग्जाम शुरू होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। ऐसे में छात्रों को परीक्षाओं के लिए सही तैयारी और रणनीति बनाने की विशेष जरूरत होती है। इसके लिए निरंतर प्रयास, रणनीतिक योजना और अनुशासित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। छात्रों को पहले बोर्ड एग्जाम की पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को अच्छी तरह से समझकर इसे छोटे छोटे खंडों में बांट लेना चाहिए। बीआरसीसी वर्मा के मुताबिक बोर्ड द्वारा सुझाई गई पाठ्यपुस्तकों से तैयारी करना बेहतर होता है। सिलेबस रटने के बजाए कॉन्सेप्ट को समझने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। कमजोर विषयों पर ज्यादा ध्यान दें और टॉपिक में संदेह होने पर शिक्षकों या दोस्तों से जरूर साझा करें।

पढ़ाई करते समय छोटे छोटे पॉइंट का रखें ध्यान :

किसी भी एग्जाम की तैयारी में रिवीजन सबसे अहम होता है। रिवीजन करने से अब तक आपने जो पढ़ा है वह अच्छी तरीके से याद हो जाती है। हालांकि, ऐसा करते समय छोटे से छोटे पॉइंट का ध्यान रखें। क्योंकि कभी कभी बोर्ड परीक्षा के अंदर एमसीक्यू वाले क्वैश्चन पेपर बीच में से भी पूछे जाते हैं। इसलिए बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय रिवीजन अच्छे से करें।

परफॉर्मेंस एनालिसिस करें :

बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय परफॉर्मेंस एनालिसिस करना बहुत ही जरूरी है। इससे पता चलता है कि किस विषय में कितना समय लग रहा है और साथ ही कौन सा सब्जेक्ट आपको कठिन लग रहा है। बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने के लिए पिछले साल के पेपर हल कर सकते हैं। कुछ सब्जेक्ट के चैप्टर्स बहुत ही आसान होते हैं जबकि कुछ चैप्टर्स थोड़े से कठिन होते हैं। जो चैप्टर्स आपको कठिन लगते हैं उसमें मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है। ऐसा करने से आपको अपनी कमजोरी और मजबूती का पता चलता है।

पूरी नींद और ब्रेक लें :

बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय बहुत से बच्चें परीक्षा का तनाव लेते हैं। जिस वजह से वह पूरी नींद नहीं लेते। नींद पूरी ना होने के कारण वह शारीरिक रूप से बीमार पड़ जाते हैं और साथ ही उनका दिमाग अच्छी तरह से काम नहीं करता। इसलिए एग्जाम की तैयारी करते समय 7 से 8 घंटे तक की अच्छी और पूरी नींद ले। नींद पूरी होने से आपका दिमाग तरोताजा रहता है।

टाइम टेबल बनाएं :

बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए आपको अपनी पढ़ाई के अनुसार समय तय करना होगा। इसलिए टाइम टेबल बनाना जरूरी है। एक्सपर्ट के अनुसार प्रत्येक विषय के लिए प्रतिदिन का टाइम स्लॉट निर्धारित करना जरुरी है। टाइम टेबल बनाते समय इस बात का ध्यान जरुर रखें कि यह इतना बड़ा न हो कि यह आपके लिए बोरिंग हो जाए। इसलिए बर्नआउट को रोकने के लिए पढ़ाई करते समय बीच बीच में ब्रेक लेते रहे। उन टॉपिक पर अधिक समय दें जो आपको कठिन लगते हैं। कोर्स कवर करने के लिए लक्ष्य तय करें।

इन बातों का रखें ध्यान :

सभी सब्जेक्ट को समय देना बहुत ही जरूरी है।
टाइम टेबल बनाते समय पुराने क्वैश्चन पेपर को सॉल्व करना न भूलें।
टाइम टेबल का अच्छी तरीके से पालन करें।
टाइम टेबल बनाते समय ऊपर बताई गई बातों का भी ध्यान रखें।

तनाव मुक्त रहे
परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी तनाव बिल्कुल न ले। सेलेब्स पर फोकस करें और टाइम टेबल बनाकर अपनी तैयार करें। इस दौरान अपनी दिनचर्या का विशेष ख्याल रखें। पढ़ाई के साथ खेल कूद जैसी गतिविधियों से दूरी न बनाएं। इससे उनका तनाव कम होगा। अभी तक जो पढ़ाई कि है उसका रिवीजन करें।
बीएल वर्मा बीआरसी सारंगपुर