सुरक्षा पर उठ रहा सवाल : सिविल अस्पताल प्रबंधन की पुलिस चौकी की मांग पर नहीं किसी का ध्यान अस्पताल में बेतरतीब खड़े रहते है वाहन, आए दिन होते है विवाद
सुरक्षा पर उठ रहा सवाल : सिविल अस्पताल प्रबंधन की पुलिस चौकी की मांग पर नहीं किसी का ध्यान
अस्पताल में बेतरतीब खड़े रहते है वाहन, आए दिन होते है विवाद
सारंगपुर//
शहर के एकमात्र सिविल अस्पताल में दुर्घटनाग्रस्त मरीज व प्रसूताओं को लाने वाली एंबुलेंस को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हद तो तब हो गई जब प्रसूताओं व घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस अस्पताल के गेट तक मरीज को लेकर नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालना पड़ रही है।
सारंगपुर तहसील के 100 बिस्तर वाले सिविल अस्पताल में आए दिन विवाद सामने आते रहते हैं यह विवाद मरीजों के साथ आने वाले अटेंडर व अस्पताल स्टाफ के बीच अक्सर होते दिखाई देते हैं। अभद्रता के साथ शुरू होने वाले यह विवाद हाथ पैरों की जोर आजमाइश तक पहुंच जाते हैं। होने वाले इन विवादों के कारण अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर सहित अन्य मेडिकल स्टाफ चिंतित है।
कई बार उठ चुकी पुलिस चौकी खोलने की माग :
अस्पताल में आने वाले मरीज व परिजनों सहित नगर वासियों की मांग पूर्व में कई बार उठ चुकी है, है कि चिकित्सालय में एक पुलिस चौकी खुलना चाहिए, ताकि होने वाले विवादों से बचा जा सके। कई बार ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले लड़ाई झगड़ों के कारण संबंधित मेडिकल स्टाफ के ऊपर अनैतिक दबाव मरीज के परिजनों सहित बिचौलिए लोग बनाते है। पदस्थ डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सालय परिसर में एक अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित होना चाहिए। जिससे अपनी मनमानी दिखाने वाले लोगों सहित स्टाफ से अभद्रता करने वाले लोगों पर अंकुश लग सके।
डॉक्टर व पुलिस आते हैं देरी से रात भर रखा रहता है शव :
कई बार तो देखने में आया है कि शव को पीएम कराने के लिए अस्पताल लाया जाता है। लेकिन पुलिस के देरी से आने के कारण रात हो जाती है जिसके कारण शव को लेकर परिजन रात भर इंतजार करते रहते हैं। अस्पताल में मरीजों के अटेंडर व स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ के बीच होने वाले विवादों में पुलिस समय पर नहीं पहुंच पाती है। बढ़ते विवाद को देखते हुए कई बार रोगी कल्याण समिति की बैठक में पुलिस चौकी खोलने को लेकर चर्चा भी हुई है, लेकिन संबंधित अधिकारी द्वारा अभी तक महज आश्वासन ही मिल रहा है।
अक्सर नदारद रहते हैं सुरक्षा गार्ड :
सिविल अस्पताल में पदस्थ नर्स और डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में रात के के समय अक्सर लोग शराब पीकर आते हैं। जिनके द्वारा स्टाफ के साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया जाता है, रोकने पर वह मारपीट करने पर उतारू हे जाते हैं। जिसकी सूचना उच्च अधिकारियों सहित पुलिस को दी जाती है, लेकिन जब तक पुलिस आती है तब तक उत्पात मचाने वाले भाग निकलते हैं। अस्पताल में फिलहाल लगभग आधा दर्जन सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी लगाई जाती है जो कि सिक्योरिटी कंपनी द्वारा तैनात किए गए हैं लेकिन वह अस्पताल से अक्सर नदारद ही नजर नहीं आते।
नगरवासी बोले-जरूरी है पुलिस चौकी :
सारंगपुर सिविल अस्पताल राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा होने के कारण सड़क दुर्घटना या फिर अन्य किसी संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के लोग पीएम करवाने से कतराते हैं। ऐसे में कई बार वे शव को जबरदस्ती ले जाने की जिद करते हैं जो कि विवाद का सबसे बड़ा कारण है। कई बार समय पर पुलिस इंतजाम न होने के कारण देर शाम होने ने दूसरे दिन पीएम होता है। सूत्रों की माने तो अस्पताल प्रबंधन द्वार नियुक्त किए गए निजी गार्ड भी विवाद के दौरान इधर उधर हो जाते हैं।
कई बार हुआ पत्राचार
हमारे द्वारा दो से चार बार थाने में पुलिस चौकी खोलने के लिए आवेदन दिया जा चुका है, बावजूद इस और पुलिस का ध्यान नहीं है। हमने यह भी मांग की है कि जब तक पुलिस चौकी न खुल जाए, दो पुलिस कर्मियों की रात्रि ड्यूटी लगाई जाए, जिससे असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके।
डॉ. मनीष चौहान अधीक्षक सिविल अस्पताल सारंगपुर