निजी सेंटरों में जननी की निःशुल्क सोनोग्राफी योजना तोड़ रही दम, अस्पताल की कमान अधीक्षक ने संभाली
निजी सेंटरों में जननी की निःशुल्क सोनोग्राफी योजना तोड़ रही दम, अस्पताल की कमान अधीक्षक ने संभाली
सारंगपुर//
जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं को निजी सेंटरों में निःशुल्क सोनोग्राफी सुविधा लाभ नहीं मिल पा रहा है। 9 अगस्त को योजना शुरू होने के लगभग पांच माह बाद भी सरकारी अस्पतालों से एक भी केस निजी सेंटरों में रेफर नहीं किए गए हैं। जबकि तहसील में सिविल अस्पताल के अलावा किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोनोग्राफी की व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल सहित सिविल चिकत्सालय में भी सिर्फ दो दिन ही गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी होती है। इसके बाद भी प्रशासन व्यवस्था नहीं बना सका है जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को निजी सेंटरों में शुल्क (मोटी राशि) देकर सोनोग्राफी करानी पड़ रही है।
महीने में दो दिन है व्यवस्था :
योजना के तहत नि: शुल्क सोनोग्राफी के लिए जिले में दो निजी सेंटर जिसमें सारंगपुर का मात्र एक कृष्णा सोनोग्राफी, दूसरा जिला मुख्यालय राजगढ़ में पंजीकृत किया गया हैं। माह में दो दिन 9 और 25 तारीख को सरकारी अस्पताल में आने वाली गर्भवतियों को निजी सेंटर में रेफर करने की व्यवस्था है। निजी सेंटरों में नि: शुल्क सोनोग्राफी के एवज में प्रति केस 500 रुपए भुगतान शासन की ओर से किया जाना है। लेकिन जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए निजी सेंटरों में रेफर नहीं किया जा रहा है।
जिले में कई सेंटर, पोर्टल पर महज कुछ ही :
ब्लॉक सहित जिलेभर में कई निजी सोनोग्राफी जांच सेंटर हैं। जननी सुरक्षा कार्यक्रम के इस माह में 2 दिन निःशुल्क जांच की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी सेंटरों के दस्तावेज भोपाल भेजे हुए हैं, लेकिन अभी तक महज कुछ सेंटर ही इस कार्यक्रम के विभागीय पोर्टल पर अपडेट हैं। यही वजह है कि इन्हीं नाम मात्र के सेंटर से विभाग का अनुबंध है। इनमें से भी बीते पांच माह में अभी तक किसी भी गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच होने की खबर नहीं आई हैं। साथ ही कई शहरों में एक भी हितग्राही महिला नहीं पहुंच पाई हैं।
सिविल अस्पताल में एक दिन में 10 जांचे :
निश्चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर सरिता यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि सारंगपुर सिविल अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं की आवश्यकता अनुसार प्रत्येक दिन सोनोग्राफी जांच की सुविधा है, साथ रोजाना 40 से 50 महिलाओं की प्रेग्नेंसी टेस्ट लिया जाता है। वहीं स्त्रीरोग विशेषज्ञ चिकत्सक तस्लीम मंसूरी का कहना है कि यहां सिविल अस्पताल में रोजाना आठ से 10 सप्ताह भर में औसतन 90 सोनोग्राफी हो रही हैं।
अधीक्षक ने संभाली सोनोग्राफी की कमान :
ज्ञात हो कि गर्भवती महिलाओं को निजी सेंटर पर सोनोग्राफी सुविधा अभी नहीं मिल रही है, ऐसे में सिविल अस्पताल में पदस्थ अधीक्षक डॉक्टर मनीष चौहान स्वयं गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी कर शासन की निःशुल्क सोनोग्राफी सुविधा कर उपचार मुहैया करा रहे है। बता दे कि सिविल अस्पताल अधीक्षक चिकत्सालय में ओपीडी, एमरजेंसी सहित रात्रि ड्यूटी कर अपनी सेवाएं पिछले कई सालों से दे रहे है। श्रीचौहान ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों से भी सिविल चिकत्सालय रैफर होकर यहां गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आती हैं, लेकिन यहां दबाव ज्यादा न हो, इसी के चलते सरकार जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों से गर्भवती महिलाओं को चिह्नित निजी सेंटरों पर माह में 2 दिन निशुल्क जांच की सुविधा की व्यवस्था दी गई है। लेकिन चिकत्सालय में हम रोजाना गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच कर सोनोग्राफी कर उन्हें शासकीय सुविधा का लाभ पहुंचा रहे है,
बढ़ाने का कर रहे प्रयास
जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत माह में दो बार 9 व 25 तारीख को सीएचसी से निजी सेंटर पर सोनोग्राफी जांच के लिए भेजे जाने की व्यवस्था है। सारंगपुर शहर में 1 सेंटर हैं, जिलेभर में अभी 2 सेंटर पोर्टल पर चिन्हित हैं, लेकिन अन्य के भी हमने दस्तावेज भेजे हुए हैं। पिछले महीनों में योजना में कुछ जांचें हुई हैं, लेकिन हम इसे और बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. किरण वाडिया मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रराजगढ़