कंडम बसों पर आरटीओ मेहरबान, यात्रियों की सुरक्षा पर नही है किसी का ध्यान बिना फिटनेस, परमिट धड्डले से चल रही ओवरलोड बसे बसों में सुरक्षा साधनों का अभाव परिवहन विभाग नहीं दिखा रहा सख्ती।
कंडम बसों पर आरटीओ मेहरबान, यात्रियों की सुरक्षा पर नही है किसी का ध्यान
बिना फिटनेस, परमिट धड्डले से चल रही ओवरलोड बसे
बसों में सुरक्षा साधनों का अभाव परिवहन विभाग नहीं दिखा रहा सख्ती।
सारंगपुर//
जिले में संचालित कई बसों में यात्री सुरक्षा साधनों का अभाव है। परिवहन विभाग द्वारा सख्ती नहीं बरतने से बस संचालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में हादसे में यात्रियों की जान पर बन सकती है पूर्व में सरकार के निर्देश पर परिवहन विभाग ने बसों में सुरक्षा साधन रखने के निर्देश बस संचालकों को दिए थे। विभाग के अफसरों ने कुछ दिन बसों संचालकों पर सख्ती दिखाई थी इसके बाद यह मामला ठंडा पड गया।
नहीं लगे फर्स्टएड बाक्स
बस स्टैंड पर आने वाली कई बसों में फायर फाइटिंग सिस्टम और फर्स्टएड बॉक्स नहीं है। कई बसों में आरामदायक सीटें भी नहीं हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठाना भी आम है। कई बसों में सीजन के समय छत पर भी सवारी बैठा ली जाती हैं। नियमानुसार बस की खिडकियों पर काले कांच लगाने की मनाही है लेकिन अधिकतर बसों में खिडकियों पर रंग बिरंगे कांच लगाए गए हैं। शासन द्वारा बसों में दो दरवाजे लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा एक एमरजेंसी गेट लगाने के भी निर्देश दिए हैं लेकिन बस संचालक इसका भी पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ बसों में दूसरा दरवाजा सिर्फ दिखावे के लिए ही लगा रखा है। दरवाजे के अंदर सीट लगी है। इसलिए इसका कोई उपयोग नहीं होता। ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वालीं बसों में फिटनेस का अभाव है। इन कमियों का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड सकता है।
नहीं चस्पा की है जानकारी
राज्य सरकार ने बसों के परमिट, फिटनेस ,किराया सूची आदि की जानकारी बसों के अगले कांच पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की जानकारी भी चस्पा करने के निर्देश दिए हैं लेकिन यहां चलने वालीं बसों में कोई जानकारी नहीं लिखी है। बस संचालक अपने हिसाब से बसों का संचालन कर रहे हैं और यात्रियों की जान से खिलवाड करते देखा जा सकता हैं।
क्षमता से अधिक बैठाते है सवारियां
शादी विवाह का सीजन चल रहा है। ऐसे में यात्रियों की संख्या भी बढ गई है। बस संचालक यात्रियों को समय पर गंतव्य छोडने व बस में सीटें उपलब्ध कराने का आश्वासन देकर यात्रियों को जबरन बिठा लेते हैं। माचलपुर,जीरापुर व खिलचीपुर से इंदौर ओर भोपाल तक चलने वाली बालकृष्णा ,पुरोहित,ओर महादेव शुक्ला,कुमकुम,नाम की बसे हमेशा ओवरलोड चलती है ये बस संचालक क्षमता से अधिक सवारियां भरकर बसे संचालित कर रहे हे।इंदौर जाने वाली बसे रोज जिले के जीरापुर,छापीहेड़ा,लिमाचोहान एवं सारंगपुर ,पुलिस थानों के सामने से गुजरती हैं वहीं भोपाल जाने वाली बसे जीरापुर,छापीहेड़ा,खुजनेर,पचोर और बोड़ा थानों के सामने से जाती आती है।इन थानों की पुलिस असहाय,बेबस होकर देखती रहती है ऐसा लगता हे कि पुलिस और परिवहन विभाग इन बस संचालकों पर कारवाई करने में सक्षम नहीं है या फिर जानबूझ कर कारवाई करना नहीं चाहती हैं। बसों में जितनी सवारी बैठकर चलती हैं उतने से ज्यादा सवारियां खडी होकर यात्रा करती हैं।
इन शर्तों का पालन करना जरूरी है ।
बस में फर्स्ट एड बॉक्स व फायर फाइटिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है।
बसों में 1 से लेकर 16 तक सीट महिलाओं के लिए रिजर्व करना और यह जानकारी बस में लिखी भी होनी चाहिए।
32 सीटर बस में दो गेट बनवाना जरूरी है।
परमिट कब लिया है, कब तक वैलिड है, इसकी तारीख चस्पा करना।
बस की फिटनेस कब कराई, इसकी तारीख चस्पा कराना।
दरवाजे पर किराया सूची लगाना अनिवार्य।
बस में सभी हेल्पलाइन नंबर लिखे जाना जरूरी है, जिसमे फायर पुलिस एंबुलेंस शामिल है
आरटीओ जिम्मेदार
लापरवाह बस चालकों पर कार्रवाई करने और बीमा परमिट फिटनेस जांचने का काम परिवहन विभाग का है। समय समय पर राजस्व और पुलिस टीम द्वारा भी निरीक्षण के दौरान कार्रवाई की जाती है।
रोहित बम्होर एसडीएम सारंगपुर