राजगढ़ के बच्चों ने बाल विवाह के खिलाफ उठाई आवाज, दीवार लेखन से दे रहे जागरूकता का संदेश
राजगढ़ के बच्चों ने बाल विवाह के खिलाफ उठाई आवाज, दीवार लेखन से दे रहे जागरूकता का संदेश
राजगढ़।
बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ अब बच्चों ने भी जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाया है। जिले के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे दीवार लेखन के जरिए समाज को संदेश दे रहे हैं कि बाल विवाह एक गंभीर समस्या है, जो बच्चों के अधिकारों का हनन करती है और उनके उज्ज्वल भविष्य को अंधकार में धकेलती है।
राजगढ़ के इन बच्चों का मानना है कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई नहीं है, बल्कि यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक विकास में बाधा उत्पन्न करता है। यह उन्हें शिक्षा से वंचित कर उनके सपनों को तोड़ता है। दीवारों पर लिखे संदेशों में बच्चे कह रहे हैं, "राजगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश को बाल विवाह मुक्त बनाना चाहिए।"
बच्चों की यह पहल न केवल उनकी जागरूकता को दर्शाती है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को यह सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों का बचपन सुरक्षित और उनका भविष्य उज्ज्वल होना चाहिए। इन बच्चों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रत्येक बच्चे का अधिकार है कि वह शिक्षा प्राप्त करे, खेलकूद में हिस्सा ले और एक खुशहाल जीवन जिए।
टीम "अहिंसा राजगढ़ (एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन)" द्वारा प्रेरित इन बच्चों का यह प्रयास एक सकारात्मक संदेश है, जिसे समाज के हर वर्ग से समर्थन मिल रहा है। यह पहल बाल विवाह को रोकने के साथ-साथ बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत कदम साबित हो रही है।
इस जागरूकता अभियान के माध्यम से राजगढ़ के बच्चे यह संदेश दे रहे हैं कि बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त कर एक बेहतर और सुरक्षित समाज की स्थापना करना हम सबकी जिम्मेदारी है।