सड़क की दयनीय स्थित, गिट्टी से फिसलकर राहगीर हो रहे चोटिल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत चार वर्ष पहले बनी गुणवत्ता हीन पड़ाना-कांकरिया मीना सड़क
सड़क की दयनीय स्थित, गिट्टी से फिसलकर राहगीर हो रहे चोटिल
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत चार वर्ष पहले बनी गुणवत्ता हीन पड़ाना-कांकरिया मीना सड़क
सारंगपुर//
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत चार वर्ष पहले करोड़ो की लागत से निर्मित हुई पड़ाना से कांकरिया मीना सड़क का घटिया निर्माण की पोल खुलती जा रही है। निर्माण के समय लापरवाही बरतने से और समय पर पेंचवर्क नहीं करने से लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क राहगीरों के लिए आफत बन रही है।
सड़क बने बीते चार साल, गारंटी का एक साल शेष
गौरतलब है कि इस सड़क निर्माण की स्वीकृति के बाद 26 मई 2018 में भूमिपूजन किया गया था। उसके बाद निर्माण अधर में अटक गया और एक वर्ष की देरी से इस सड़क का निर्माण 17 दिसंबर 2020 में पुरा हुआ था। अब महज चार वर्ष पहले ही प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत 2 करोड 40 लाख 8 हजार रूपये की लागत से 5.30 किलोमीटर सडक का निर्माण ठेकेदार के द्वारा सड़क का निर्माण किया था। लेकिन ईदगाह के पास बने मुख्य पुल को 2020 की वर्षा एवं मल्हारगंज की पुलिया को 2022 की वर्षा से नुकसान हुआ। उसके बाद सड़क जगह-जगह से जर्जर हो चुकी है जिस पर पेंचवर्क सही ढंग से नहीं किया जा रहा है।
कांकरिया मीणा से हाइवे तक बनी सड़क की स्थिति ज्यादा खराब
स्थिति यह हे कि कांकरिया मीणा से तलेनी तक बनी इस की स्थिति बहुत ज्यादा जर्जर हो चुकी है। इस सड़क के बीच से नेशनल हाइवे क्रमांक 52 निकला है। जिसके दोनो साइडो पर एप्रोच सड़क नहीं होने से आधा-आधा फीट गड्डे एप्रोच की सड़क पर हो चुके है, जिससें राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे है। जबकि नियमानुसार यह पर हाइवे से जोड़ने के लिए सड़क बननी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस सड़क को लेकर पीएम सड़क इंजीनियर जगदीश पाटीदार ने कहा कि हमारे द्वारा सड़क निर्माण के लिए स्टीमेट भोपाल भेजा है स्वीकृति मिलते ही सड़क का नवीनीकरण करवाया जाएगा।
सुगम रास्ता सारंगपुर जाने के लिए, गांवो को करता है मार्ग संपर्कशील
सड़क मार्ग पड़ाना से सारंगपुर को जाता है। लेकिन सड़क पर गड्डोके कारण लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। जबकि पड़ाना से सारंगपुर जाने के लिए मऊ-पड़ाना के मुकाबले यह सडक मार्ग की दूरी को 4 किलोमीटर कम है। जिससें लोगों को सारंगपुर आने-जाने में ईंधन एवं समय की बचट होती है।
14.72 लाख रूपये रखरखाव के लिए, फिर स्थिति खराब
करोड़ो रूपये की लागत से बनी पड़ाना-काकरिया की इस प्रधानमंत्री सड़क के 5 वर्षो तक रखरखाव के लिए 14.72 लाख रूपये स्वीकृत है लेकिन इसका रखरखाव नहीं किया जा रहा है जबकि महत्वपूर्ण सड़क पर से प्रतिदिन सैकड़ो वाहन चालक गुजरते है। उसमें से कई गिट्टी से गिरकर चोटिल हो जाते है। इस और जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है ताकि नागरिकों को आवागमन पर दिक्कतें न उठानी पड़े।
इनका कहना
मऊ के रास्ते एबी रोड से सारंगपुर जाने पर 16 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है जबकि कांकरिया से बायपास होते हुए सारंगपुर जाते है तो 11 किमी ही पड़ता है जिससें 5 किमी कम चलना पड़ता है। इससे समय और ईंधन बचता है और आर्थिक फायदा होता है। इसलिए सड़क की मरम्मत पर ध्यान देना जिम्मेदारो को जरूरी है।
जाकिर मंसूरी, वरिष्ठ समाजसेवी, पड़ाना।
इस सड़क पर मौजूद गड्डो एवं गिट्टी से न केवल सारंगपुर जाने वाले राहगीर बल्कि किसानों को भी मुसीबतें झेलनी पड़ रही है। सुगम रास्ता है इसकी मरम्मत समय पर होनी चाहिये। मंत्रीजी एवं एसडीएम साहब को आवेदन देकर शिकायत करेंगे। लापरवाह ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
महेंद्र भुरु परमार, युवा समाजसेवी, पड़ाना।
बोले जिम्मेदार
पड़ाना-कांकरिया मार्ग पर आ रही समस्या को लेकर हमने संज्ञान लिया है और ठेकेदार को निर्देश दिए जाएंगे कि एक सप्ताह में सुधार किया जाए है। यदि सुधार नहीं किया तो ठेकेदार पर कार्रवाई करेंगे। वही कांकरिया से तलेनी तक बनी सड़क का स्टीमेट बनाकर भोपाल भेजा है स्वीकृति मिलते ही सड़क का नवीनीकरण कराया जाएगा।
जगदीश पाटीदार, इंजीनियर, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क सारंगपुर।