श्रीमद्भगवद्गीता धर्म से नीति के मार्ग पर चलने उपदेश देती है - पंडित सुदर्शन शर्मा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित
श्रीमद्भगवद्गीता धर्म से नीति के मार्ग पर चलने उपदेश देती है
- पंडित सुदर्शन शर्मा
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित
राजगढ //
नीलगिरी आश्रम के संत सुर्दशन शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में पहले श्लोक की शुरूआत धर्म से हुई है एवं अंतिम श्लोक नीति के पालन का संदेश देता है। उसका आशय है कि हम धर्म पर चलेंगे तो नीति का मार्ग स्वयं ही प्रशस्त होगा। श्रीमद्भगवद्गीता का मुख्य सार धर्म के मार्ग पर चलना सिखाता है। हम सबको इस महान ग्रंथ के संदेश को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। पंडित सुदर्शन शर्मा बुधवार को स्थानीय पारायण चौक पर आयोजित अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक खिलचीपुर हजारीलाल दांगी थे। इस दौरान पूर्व विधायक हरिचरण तिवारी, रघुनंदन शर्मा, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महीप किशोर तेजस्वी एवं धर्मप्रेमी नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विधायक खिलचीपुर हजारीलाल दांगी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को धर्म की रक्षा का उपदेश दिया है। कलयुग में सनातन धर्म की रक्षा के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन जरूर करना चाहिए। हम सभी को इसके उपदेशों का ज्ञान होना आवश्यक है। साथ ही हर स्तर पर इसके उपदेशों के प्रचार प्रसार की जरूरत है।
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता के महात्म्य एवं गीता दर्शन को जनजन तक पहुंचाने के लिए अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हम गीता के उपदेश को जीवन में उतारें एवं उसके दर्शन को आत्मसात करें। जब भी हम गीता का अध्ययन करते है तो हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है।
कार्यक्रम को पूर्व विधायक हरिचरण तिवारी, रघुनंदन शर्मा, पंडति जगदीश शस्त्री ने भी संबोधित किया एवं गीता के महत्व की व्याख्या की।
इस दौरान नरसिंहगढ के संस्कृत विद्यालय के बटुकों ने श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 11, 12 एवं 15 का सस्वर पाठ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य भोपाल में आयोजित। अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भी लाईव प्रसारण किया। जिसका उपस्थित धर्मप्रेमी नागरिकों ने अवलोकन किया।