हाड़ कंपा देनी वाली ठंड में सितम, शहर में न अलाव जले, न खुले रेन बसेरे के ताले

10 डिग्री से नीचे लुढ़का तापमान, लेकिन इनकी तो संवेदना ही शून्य हो गई, खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे मुसाफिर

सारंगपुर

इन दिनों कडकड़ाती सर्दी का दौर जारी है। न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की मानवीय संवेदनाएं बर्फ की तरह जम चुकी नजर आ रही है। जब शहरवासी रात 11 बजते-बजते घरों में दुबक रहे वही मुसाफिर खुले आसमान के नीचे नींद ले रहे। सुबह होने पर मुसाफिर यात्री यहां-वहां जाकर स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाने को मजबूर हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यात्री प्रतीक्षालय के रेन बसेरे में ताला लगा होने की ऐसी स्थिति में लोगों को रात में रुकने के लिए परेशान होना पड़ता है। महिलाएं या बच्चे हों तो उनकी परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। दूर दराज के इलाकों से शहर में आने वाले गरीब तबके के लोगों को रात में वापस जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिलता तो उन्हें मंदिर या फिर फुटपाथ पर ही रात गुजारना पड़ती है या फिर वह मुसाफिर लॉज, होटलों में रात गुजारते हैं, लेकिन सड़कों पर रात बिताने वाले मुसाफिर खुद वहां सुरक्षित नहीं रहते। यदि उनके साथ महिलाएं हो तो रात के समय असामाजिक तत्व परेशान करते हैं। दिसम्बर में जहां एक ओर ठंड दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और ठंड से जरूरतमंदों को निजात दिलाने स्थानीय प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिसके चलते लोग खुले आसमान के नीचे सोने मजबूर होते हैं। क्योंकि विभाग ने अब तक रैन बसेरा नही बनाया है ना ही आश्रय स्थल बनाया गया है। बस बस स्टेंड पर पूर्व में बने रेन बसेरे में हमेशा ताला जड़ा रहता है। इस वर्ष बस स्टैंड के यात्री प्रतिक्षालय में न तो गरीब बेसहारा जरूरतमंद लोगों के रुकने की व्यवस्था नहीं की गई है। जिनको गरीब जरूरतमंद लोग ठंड में ठूठर रहे है। जिसके कारण लोगो की जान भी जा सकती है। लेकिन इसके बाद भी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का इस और ध्यान नही है। ऐसे में गरीब बेसहारा लोग परेशान हो रहे हैं।

निराश्रित लोग हो रहे परेशान :

बाहर से आने वाले लोग सहित निराश्रित जरूरतमंद बेसहारा गरीब तबके के लोगों को ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है। नगर पालिका द्वारा बनाए जाने वाले अस्थाई रैन बसेरा के अब तक नहीं बनाए जाने से बेसहारा लोग फुटपाथ पर रात बिताने को मजबूर हैं। इस कड़ाके की ठंड के चलते किसी की जान भी जा सकती है, बावजूद इसके किसी प्रकार का कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। जिसके कारण ठंड में निराश्रित लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

रात में सर्दी फिर भी नहीं बने रैन बसेर :

तत्कालीन परिषद के सीएमओ के कार्यकाल में यात्री प्रतिक्षालय में आश्रय स्थल बनाया गया था गरीबों के सोने के लिए रजाई गद्दे भी रखे गए थे लेकिन इस वर्ष यात्री प्रतिक्षालय में रेन बसेरा, आश्रय स्थल नहीं बनाया गया है। लोगों ने कलेक्टर से मांग की है कि कड़ाके की ठंड को देखते हुए यात्री प्रतिक्षालय में रैन बसेरा (आश्रय स्थल) बनाया जाए।

कराएंगे व्यवस्था
आपके माध्यम से यात्री प्रतीक्षालय में बने रेन बसेरे में ताला लगा होने की जानकारी मिली है, हम आज से ही रेन बसेरा को शुरू करेंगे, साथ ही बस स्टेंड सहित मुख्य चौराहों पर अलाव जलवाए जायेंगे।
लालसिंह डोडिया नपा सीएमओ सारंगपुर