बोतल में बंद सारे नियम : लिमाचौहान संडावता पाडल्या भैंसवा में एमआरपी से अधिक वसूल रहे राशि। 

शराब दुकानों में न रेट लिस्ट न चेतावनी, प्रचार से पटी दुकानें।नियम विरुद्ध चल रहे है आहते।

सारंगपुर//

शराब दुकान ठेकेदारों की मनमानी पूरी तरह विभाग पर हावी है। नियमों को दरकिनार करने वाले ठेकेदारों ने शराब दुकानों पर ना तो रेट लिस्ट लगाई है और ना ही चेतावनी के बोर्ड लगा रखे हैं। जबकि यह दोनों ही अनिवार्य हैं। इस और आबकारी विभाग के सर्कल ऑफीसर को सख्ती दिखानी चाहिए, अधिकारी की अनदेखी के चलते। ऐसे में बिना बिल, मनमाने रेट पर शराब बेच रहे ठेकेदारों के अपने नियम अंचल के लिमाचौहान संडावता में चल रहे हैं।
उल्लेखनीय है की शराब ठेकों पर नियमों की अनदेखी करते हुए एमआरपी से अधिक राशि वसूली जा रही है। शराब के ठेकों पर ठेकेदार आबकारी नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे है। वहीं शराब बोतल की वास्तविक कीमत से प्रति बोतल 30 से 40 रुपए ग्राहकों से अतिरिक्त वसूल किया जा रहा है।

नही लगाई रेट लिस्ट वसूल रहे मनमाने दाम :

इस सब के बावजूद आबकारी महकमा इससे बेखबर है। जहां तक आबकारी विभाग के नियम कहता है कि प्रत्येक ठेके के बाहर बेची जाने वाली शराब की रेट लिस्ट लगानी होती है। सारंगपुर अंचल में संचालित शराब के ठेके के बाहर किसी भी प्रकार की रेट लिस्ट नही लगी हुई है। बता दे की ठेको पर बेचे जाने वाली शराब का कोई बिल नही दिया जाता है। और शराब के शौकीन 30 और 40 रुपए के लिए कभी कभार विरोध करते है परंतु वहा सेल्स मैन द्वारा उन्हें दुत्कार दिया जाता है। ऐसे में ओवर रेट देकर ही शराब खरीदना मजबूरी बन गया है। गौरतलब है कि ग्राहकों से वसूली जाने वाली अतिरिक्त राशि ठेकेदार के जेब में जाती है।

गुमराह कर रहे शराब ठेकेदार :

शहर में शराब ठेकों पर उस्तादों की प्रिंट रेट से ज्यादा रुपए वसूल किए जा रहे हैं। ठेकेदार देशी शराब से लेकर बीयर व अंग्रेजी शराब के ब्रांड पर 30 से 40 रुपए तक ज्यादा चार्ज कर रहे हैं। जब उपभोक्ता इसे लेकर सवाल खड़े करते है। तो जवाब मिलता हैं, चाहिए तो लो, वर्ना वापस रख दो। ज्यादातर ठेकों पर उत्पादों के रेट चार्ट तक नही रखे जा रहे।

यह है नियम :

आबकारी विभाग के नियमों की बात करें तो दुकान में शराब उत्पादों की रेट लिस्ट ऐसे प्रदर्शित करना होती है कि ग्राहक को सामने ही नजर आए। इसके साथ ही प्रत्येक दुकान में मदिरापान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इस चेतावनी वाले बोर्ड लगाना भी अनिवार्य है। इस साइन बोर्ड के आसपास मदिरा विज्ञापन संबंधी कोई दूसरा पोस्टर या प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं की जा सकती। अधिकांश दुकानों में रेट लिस्ट के बोर्ड बने हैं, लेकिन उन्हें सामने प्रदर्शित नहीं किया जाता। इस नियम का पालन इसलिए नहीं किया जा रहा ताकि मनमाने रेट पर शराब की बिक्री की जा सके।

हर दुकान पर प्रचार सामग्री :

शराब की हर दुकान पर प्रचार प्रसार के लिए बड़े ग्लासाइन बोर्ड लगाए गए हैं। जबकि यह नियमों के विपरीत है। आबकारी विभाग के अधिकारी इस और इसलिए भी नहीं देखते कि उन्हें शिकायत का इंतजार रहता है। कोई शिकायत नहीं करे तो वह स्वयं संज्ञान नहीं लेंगे। कई शराब की दुकानें तो ऐसी हैं, जहां चेतावनी से जयादा विज्ञापन के बोर्ड लोगों को आकर्षित करने के लिए लगाए गए हैं।

यह हैं कार्रवाई का प्रावधान :

शराब की ओवररेट लेने पर पहली बार दस हजार, दूसरी बार बीस हजार जुर्माने के प्रावधान हैं। तीसरी बार भी शिकायत आती है तो दुकान का लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान हैं। बावजूद विभाग ने अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई शराब ठेकेदार पर नही की है।

करूंगा कार्रवाई
लिमाचोहान संडावता शराब दुकान पर ग्राहकों से ओवररेट लेने की शिकायत मिली है, में जल्द ही निरीक्षण कर आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करूंगा।
सौरभ कनासे सर्कल स्पेक्टर आबकारी सारंगपुर