बायपास छोड़कर आगे बढ़ रहे बसों के पहिए, यात्रियों को हो रही परेशानी रात में बसों के अंदर नहीं आने से आ रही परेशानी
बायपास छोड़कर आगे बढ़ रहे बसों के पहिए, यात्रियों को हो रही परेशानी
रात में बसों के अंदर नहीं आने से आ रही परेशानी
सारंगपुर
शहर में रात 9 बजे बाद ब्यावरा, गुना, इंदौर चलने वाली बस परमिट होने के बावजूद अंदर आने की बजाए सीधे बायपास निकल जाती है। यात्रियों को पैदल या लिफ्ट लेकर तीन किमी दूर अंधेरे में आना जाना पड़ता है, तब बस मिलती है। यात्रियों को दिक्कत होती और दूसरा बड़ी वारदात होने की अशंका रहती है। ग्वालियर, गुना, ब्यावरा, इंदौर चलने वाली करीब दो दर्जन से अधिक बसों का सारंगपुर स्टैंड पर आकर यात्रियों को बैठाकर ले जाने का परमिट है। यह बस दिन में तो स्टैंड आती है, लेकिन रात में समय बचाने के चक्कर में चालक, कंडेक्टर अंदर लाना उचित नहीं समझते हैं। यात्री इन बसों का बस स्टैंड पर आने इंतजार भी करते हैं, लेकिन घंटों परेशान होने के बाद आखिरकार मजबूरी में परेशान होकर बायपास जाना पड़ता है। इससे सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और छोटे बच्चों को होती है। एक तो सामान और दूसरा तीन किमी पैदल चलना मुश्किल भरा रहता है। यात्रियों को मजबूरी में किराए से ऑटो या किसी से मदद मांगना पड़ती है। यही नहीं नगर का यात्री इन बसों में गुना, इंदौर से बैठकर आया तो उसे भी रास्ते में ही उतारा जाता है। यात्री ने इसका विरोध जताया तो चालक, कंडेक्टर विवाद करते हैं।
नहीं होती फिटनेस की जांच :
इंदौर से आने जाने वाली कई बस ऊपर से भले ही रंगरोगन दिखे लेकिन अंदरूनी स्तर पर इनकी हालत खराब है। यदि ठीक से जांच की जाए तो कई बसों की फिटनेस, बीमा तक नहीं मिलेगा। फर्स्ट एड बॉक्स, महिला रिजर्व सीट का अभाव, चालक, परिचालक बिना वर्दी के ही नजर आएंगे। परिवहन विभाग की गाइड लाइन तक का इनमें पालन होता नहीं मिलेगा। परिवहन विभाग की तरफ से इन बसों पर कभी कभार ही कार्रवाई की जाती है, जिससे सुधार के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है। इससे सफर करने वाले यात्रियों की जान जोखिम में बनी रहती है।