अस्पताल में मनमानी: मरीजों को समय पर नही मिलता एंबुलेंस सेवा का लाभ, परिजनों में नाराजगी। सिविल अस्पताल में गार्ड जांच रहे बीपी, चिकित्सकों को भी देरी से आने की बीमारी।
अस्पताल में मनमानी:
मरीजों को समय पर नही मिलता एंबुलेंस सेवा का लाभ, परिजनों में नाराजगी।
सिविल अस्पताल में गार्ड जांच रहे बीपी, चिकित्सकों को भी देरी से आने की बीमारी।
सारंगपुर//
शहर में किसी भी घटना दुर्घटना के लिए जननी वाहन एवं 108 एंबुलेंस वाहन शासन द्वारा तैनात किए गए है, लेकिन सारंगपुर सिविल अस्पताल में आने वाले जरूरतमंद एवं प्रभावित लोगों को मौके पर उक्त वाहनों की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। प्रभावित लोगों के मुताबिक जब हादसे में घायल व्यक्ति को सिविल अस्पताल रेफर करने 108 एंबुलेंस वाहन को कॉल किया जाता है तो वह कॉल हेड ऑफिस भोपाल जाता है। जहां से चिकित्सालय के लिए अधिकृत वाहन चालक को सूचना दी जाती है एवं पीडित के पास भी एंबुलेंस चालक का नंबर उपलब्ध कराया जाता है, बावजूद इसके एम्बुलेंस वाहन चालक 1 से दो घंटे देर से आने की बात कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेते है।
चिकित्सकों को समय पर नहीं आने की बीमारी
उल्लेखनीय है की नगर के सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की मनमानी व स्टाफ की लापरवाही के अनेक मामले अक्सर सामने आते दिखाई दे रहे है। अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों का गैर जिम्मेदाराना रवैया बरकरार है। चिकित्सक अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं है। मनमानी पर उतारू ड्यूटी चिकित्सक अस्पताल में 4 से 5 डाक्टरों की ड्यूटी होने पर भी मरीजों को समय पर डॉक्टर नहीं मिलते हैं। जिसके कारण अस्पताल में मरीज लेकर आने वाले परिजनों को परेशानी का सामना करना पडता है। मरीज को लेकर आने के बाद इमरजेंसी वार्ड में भी ड्यूटीरत डॉक्टर को खोजना पडता है। ऐसा ही एक मामला सोमवार सुबह साढे 9 बजे सिविल अस्पताल में सामने आया है। ओपीडी समय सुबह 9 बजे का होने के बाद भी कोई जिम्मेदार चिकित्सक ओपीडी में मौजूद नहीं था। मरीज ओमप्रकाश ने बताया की ओपीडी समय सुबह 9 बजे से मरीजों की भीड है, लेकिन समय पर डाक्टर नहीं आए। एक चिकित्स्क आए वे भी समय पर न आकर मनमुताबिक आए। मरीजों ने ड्यूटीरत स्टाफ से अन्य डॉक्टरों के संबंध में जानकारी मांगी तो बताया गया कि डॉक्टर अपने हिसाब से अपने समय अनुसार ही अस्पताल आते है।
गार्ड जांच रहे बीपी, अधीक्षक, बीएमओ नदारद
गौरतलब है की सोमवार दोपहर चिकित्सालय में मरीजों की संख्या ओपीडी के समय काफी थी लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का अता पता नहीं था, वही बीपी जांचने व अन्य जांच करने वाले भी अस्पताल में नहीं थे। मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले एक महीने से आए दिन बीपी बढा होने के कारण सिविल अस्पताल सारंगपुर का उपचार चल रहा है, लेकिन यहां कभी भी ओपीडी समय पर बीपी जांचने प्रशिक्षित स्टाफ नही मिलता। जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में ड्यूटी गार्ड को बीपी मरीजों को मशीन से बीपी जांचते देखा गया, मरीजों ने जान के साथ हो रहे इस खिलवाड का विरोध करना चाहा लेकिन अस्पताल के जिम्मेदार अधीक्षक व बीएमओ दोनों ही प्रमुख अधिकारी अस्पताल से नदारद दिखाई दिए।
आए दिन दिखती है चिकित्सकों की लापरवाही
ज्ञात हो कि सिविल अस्पताल में जिस डॉक्टर की ड्युटी लगाई जाती है उस डॉक्टर को अपने ड्यूटी के दौरान वार्ड में ही रहने का नियम है। यदि वे वार्ड में नहीं है तो वार्ड के बगल में बने हुए डॉक्टर रुम में रहना होता है, लेकिन अस्पताल के डॉक्टर इन दिनों अपनी मनमानी करने में लगे हुए है। आपातकालीन वार्ड में ड्यूटी होने के बावजूद भी अपने ड्युटी से चिकत्सक नदारद रहते हैं। आपातकालीन स्थिति में मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचने वाले लोगों को डॉक्टर की तलाश करनी पडती है। डॉक्टरों का आपातकालीन वार्ड में लेकर बरती जा रही लापरवाही के कारण किसी दिन कोई बडी घटना भी घटित हो सकती है। नगरवासियों ने क्षेत्रीय विधायक, राज्य मंत्री गौतम टेटवाल से चिकत्सालय की व्यवस्था सुचारू करने की मांग की है।
अधीक्षक को करे शिकायत
मैें आज टीएल बैठक में था, सिविल अस्पताल में अगर कोई डॉक्टर या स्टाफ लापरवाही बरत रहा है तो इसकी शिकायत सिविल अधीक्षक डॉक्टर मनीष चौहान से मरीजों को करना चाहिए।
डा. डी. बडोदिया, सीबीएमओ, सारंगपुर।