अच्छी बारिश  होने से तेजी से बढ़ रहा है  भू-जलस्तर, 182 हैंडपंप भी हुए रिचार्ज

दो अगस्त तक रिकार्ड 574.4 मिमी बारिश दर्ज, आगामी दिनों में भी अच्छी बारिश की है संभावना।
सत्यनारायण वैष्णव - सारंगपुर

सारंगपुर क्षेत्र में बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश न सिर्फ भू-जल स्तर बल्कि पेयजल स्रोतों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। पिछले  एक सप्ताह में  भूजल स्तर  बड़ने से बंद पड़े अनेक हेडपंप भी रिचार्ज हो गए। पीएचई के रामेश्वर शर्मा का कहना है कि  भूजल के  लिए रिमझिम बारिश फायदेमंद होती है तो तेज बारिश से तालाब व डैमों को फायदा पहुंचेगा। सारंगपुर शहरवासियों के लिए एकमात्र पेयजल स्रोत कालीसिंध नदी में पानी की आवक लगातार बढ़ती जा रही  है।  शहर की सभी बसाहटों में पानी की किल्लत अब दूर हो चुकी है।  सारंगपुर क्षेत्र में 23 जुलाई तक 1095 में से 281 हैंडपंप बंद थे।  रिचार्ज हुए हैंडपंपों की संख्या की रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन फिर भी जो शुरुआती जानकारी सामने आ रही, उसके  अनुसार 150 से ज्यादा हैंडपंप फिर से शुरू हो चुके  हैं। वहीं नल-जल योजनाएं भी धीरे धीरे गति पकड़ती जा रही हैं। और 
सूखी नदियों में कलकल बह रहा पानी 
बारिश होने से मौसम में ठंडक घुल गई है।  सारंगपुर भू-अभिलेख शाखा के अनुसार शहर में बीते 24 घंटे में 25.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। गत एक सप्ताह से हो रही बारिश से कालीसिंध में पानी बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि  सारंगपुर की औसत वर्षा 41.6 इंच है। अभी बारिश का डेढ़ माह और बाकी है। इसलिए इस बार औसत बारिश होने की उम्मीद है। अब तक 22.97 इंच बारिश हो चुकी है जिससें  कालीसिंध्, काई, नेवज जैसी बड़ी नदियां पिछले सात-आठ माह से सूखी पड़ी थीं, उनमें अब पानी आ गया है। इसके  असर से नदियों के  आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर तो और भी बेहतर स्थिति में पहुंच गया है। कु एं-बावड़ियां तो पानी से लबालब होने लगे हैं। विकासखंड का औसत भूजल स्तर गर्मी 60 मीटर नीचे  था लेकि न अब यह स्तर 30 मीटर के  आसपास आ गया है।
पिछले साल अल्प बारिश हुई
क्षेत्र में पिछले साल अल्प बारिश हुई थी। इस कारण साल की शुरुआत के  बाद से ही पानी की कमी महसूस होने लगी। रबी फसलों को अंतिम दिनों में सिंचाई के  लिए पानी नहीं मिल सका। फसलों में पानी की कमी से उत्पादन पर फर्क पड़ा। इसके  बाद गर्मी के  दिनों में तो पेयजल संकट ऐसा गहराया कि  चारों ओर हाहाकार मच गया। पानी का स्तर पाताल छूने लगा। हालत यह रही कि  कु छ दिन पहले तक तो  60 से 70 मीटर तक जल स्तर पहुंच गया था।
भू-अभिलेख शाखा के हेमंत विश्वकर्मा के मुताबिक 1 जुन से शुरू हुए मानसून सीजन में जून-जुलाई में और अगस्त के शुरुआती दो दिनो तक 22.97 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। जबकि शुक्रवार प्रात: तक  25.8 मिमी बारिश हुई है। बीते वर्ष इस अवधि में मात्र 17.91 इंच बारिश हुई थी। लेकिन इस वर्ष औसत वर्षा का आंकड़ा छुने में साढ़े 18.62 इंच बारिश की अवश्यकता है जो  डेढ माह में पुरी होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि दो दिन अभी बारिश के आसार नहीं है। इसके बाद नया सिस्टम सक्रिय होगा जिसमें बारिश हो सकती है। वहीं मौसम विभाग ने 4 अगस्त के बाद जोरदार बारिश की संभावना जताई है।
नेवज नदी में आया उफान
सारंगपुर-पड़ाना-तलेन मार्ग से होकर गुजर रही नेवज नदी शाम 4 बजे के बाद लाटाहेड़ी के पास उफान पर रही। जिससें सारंगपुर से पड़ाना, टिकोद, लाटाहेड़ी, तलेन, शुजालपुर, इकलेरा, भोपाल को जोड़ने वाला रास्ता अवरुद्ध रहा। लोगो को अन्य मार्गो से अतिरिक्त चक्कर काटकर अपनी मंजिल पर पहुंचना पड़ा। समाचार लिखे जाने तक लाटाहेड़ी के पास पुल पर पानी था और दोनो छोर पर दर्जनों वाहन फंसे हुए थे।
बोले जिम्मेदार
बारिश इन दिनो बहुत ही अच्छी हो रही है, इससे फसलों को पुरी तरह से लाभ है और उत्पादन बढ़ने की संभावना है। किसान फसल की देखरेख कृषि विज्ञानिकों की सलाह से ही करें।
एस के उपाध्याय, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, सारंगपुर।