सत्यनारायण वैष्णव 

शहर का एक मात्र शासकीय स्वामी महाविद्यालय में 2500 से अधिक नियमित विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। सुबह 10: 30 से शाम 5 बजे तक कक्षाएं संचालित करने के साथ ही प्राध्यापकों को संस्था में उपस्थित रहकर नियमित कक्षाएं लगाने के निर्देश हैं, बावजूद इसके यहां 11 बजे तक प्राचार्य सहित अधिकांश स्टाफ नही पहुंचता, वही दूसरी तरफ नियमित कक्षाएं नहीं लग रही हैं। बता दे की कालखंड के समय प्राध्यापक स्टॉफ रुम व विद्यार्थी परिसर में यहां वहां टहलते हुए नजर आते हैं। हालात ऐसे कि हर दिन उंगली पर गिने जाने वाले विद्यार्थी ही कॉलेज आ रहे हैं। प्राचार्य डॉ ममता खोईया की माने तो कॉलेज में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम है, पर वे इसके लिए किसी को जिम्मेदार न मानते हुए इन दिनों चल रही डीएड व भोज की परीक्षा को वजह बता रही हैं। साथ ही प्राचार्य ने प्रवेश प्रक्रिया चलने के कारण कक्षाएं नही लगने की बात भी कही है। लेकिन प्रबंधन शायद इस बात को भूल गए की कक्षाएं न लगने से सबसे बड़ा नुकसान प्रवेश ले चुके छात्र छात्राओं को उठाना पड़ सकता है। साथ ही इन सब के बीच बड़ा सवाल यह है जब कक्षाएं संचालित नही हो रही है तो कॉलेज प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी को इतिश्री करने कक्षा संचालित टाइम-टेबल बोर्ड पर चस्पा क्यों किया है। नियमित पढ़ाई नहीं होने का असर परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा।

कागजों, फोटों शेसन में सिमटा कॉलेज चलो अभियान :

महाविद्यालय में प्रवेश बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज चलो अभियान चलाया था। इस कार्यक्रम के तहत हायर सेकंडरी स्कूलों से पास होकर निकले विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा कॉलेज में प्रवेश लेने के प्रेरित करना था। किंतु इसे विडंबना ही कहा जाएगा की इस अभियान के बावजूद अभी तक कॉलेज की अधिकांश सीट अब भी रिक्त है। लोगों का कहना है की महाविद्यालय में रिक्त सीटे कॉलेज चलो अभियान में बरती गई लापरवाही को दर्शाता है।

सुबह 10: 30 से शाम 4:40 तक कक्षाएं लगाने के हैं निर्देश :

सरकारी महाविद्यालय सुबह 10: 30 से शाम 4:40 बजे तक संचालित करने के निर्देश हैं। एक ही पारी में संकाय वार कालखंडों में पढ़ाई कराने के अलावा प्राध्यापकों को सुबह 11 से पहले कॉलेज आने व शाम 5 बजे तक कॉलेज में मौजूद रहने के निर्देश भी हैं, पर ऐसा यहां नहीं हो रहा है। पढ़ाई के इन घंटों में कक्षाएं खाली नजर आ रही हैं। अलबत्ता कुछ के विद्यार्थी परिसर में यहां वहां घूमते हुए नजर आ रहे हैं।

विद्यार्थियों की नियमित कक्षाओं पर नही प्राचार्य की रुचि :

1 प्राध्यापकों की अरुचि : उच्च शिक्षा विभाग से तनख्वाह के रूप में बड़ी रकम हर महीने लेने वाले प्राध्यापकों की नियमित कक्षाओं को लेकर रुचि नहीं है। यही वजह है कि वे अपनी कक्षा में विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति को लेकर चिंतित नहीं हैं। कई प्राध्यापक तो पढ़ाई के काल खंड के समय में कॉलेज में इधर उधर समय बिताते नजर आ रहे हैं। बाउजुद इसके प्राचार्य इस व्यवस्था को सुधारने रुचि नहीं ले रही है।

2 मॉनिटरिंग का अभाव : नियमित कक्षाओं के नाम पर संस्था स्तर पर प्राचार्य मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं। हालाकि प्राचार्य ने अलग अलग संकायों के प्रभारियों से कहा है कि वे कक्षाओं में विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति रजिस्टर व शिक्षक डायरी तैयार रखें, लेकिन ये नहीं देखा जा रहा कि आखिर विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति कम क्यों बनी हुई है।

3 सार्थक ऐप व बायोमेट्रिक उपस्थिति : कॉलेज में सेवारत स्टॉफ को नियमित रूप से सार्थक ऐप से बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाना है, पर विद्यार्थियों के लिए ये व्यवस्था लागू नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को नियमित रूप से कॉलेज आकर अटेंडेंस लगाने की अनिवार्यता महसूस नहीं होती, इसकी एक वजह ये भी कि कक्षा प्राध्यापक ऐसे विद्यार्थियों की फर्जी उपस्थिति पंजी में दर्शा रहे हैं।

नियम कागजों में :

छात्रवृत्ति के लिए 75% उपस्थिति कॉलेज में जरूरी
अपनी कक्षाओं को नियमित दर्शाने के लिए प्राध्यापक विद्यार्थियों की उपस्थिति 75% से अधिक दर्शा देते हैं। इसी आधार पर विद्यार्थी को छात्रवृत्ति भी मिल जाती है, क्योंकि कम उपस्थिति होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान रोका जा सकता है। मामले में एक प्राध्यापक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है की हम वाट्स एप ग्रुप पर सूचना डाल देते है, फिर भी स्टूडेंट कक्षाओं में न आएं, तो कोई क्या करें। कुछ स्टूडेंट तो ऐसे हैं, जो प्रवेश लेने के बाद छात्रवृत्ति का फार्म भरने आते हैं।

प्रवेश और परीक्षा को बताया कम उपस्थिति का कारण :

कॉलेज में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति के मामले में प्राचार्य ममता खोईया ने कहा की इन दिनों डीएड व भोज की परीक्षाएं चल रही हैं। साथ ही प्रवेश प्रक्रिया भी जारी है। प्रवेश फॉर्म भरने के लिए विद्यार्थी आ रहे हैं। विद्यार्थी कॉलेज आते हैं, मैं मानती हूं उपस्थिति कम है। विद्यार्थियों को सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए अलग अलग कक्षाओं के वाट्सएप ग्रुप बनाएंगे, कोई भी जरूरी सूचना होने पर सोशल मीडिया पर शेयर जरूर कर दें

न्यूज़ सोर्स : Sn