अस्पताल स्टाफ और मरीजों को सुरक्षा की जरूरत, कई वर्षों से लंबित है पुलिस चौकी की मांग

अस्पताल के मेन गेट तक नही पहुंच पा रही एंबुलेंस, बेतरतीब खड़े होते है वाहन।

सत्यनारायण वैष्णव (प्रधान संपादक)

राजगढ़ जिले के सारंगपुर शहर के एकमात्र शासकीय सिविल चिकित्सालय में दुर्घटनाग्रस्त मरीज व प्रसूताओं को लाने वाली एंबुलेंस को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हद तो तब हो गई जब प्रसूताओं व घायलों को लेकर आने वाली एबुलेस अस्पताल के गेट तक मरीज को लेकर नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में अस्पताल  में आने वाले मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालना पड़ रही है।
सारंगपुर तहसील के 100 बिस्तर वाले सिविल अस्पताल में आए दिन वाहन पार्किंग को लेकर विवाद सामने आते रहते हैं, साथ ही यह विवाद मरीजों के साथ आने वाले अटेंडर व अस्पताल स्टाफ के बीच अक्सर होते दिखाई देते हैं। अभद्रता के साथ शुरू होने वाले यह विवाद हाथ पैरों की जोर आजमाइश तक पहुंच जाते हैं। होने वाले इन विवादों के कारण अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर सहित अन्य मेडिकल स्टाफ चिंतित है।

कई बार उठ चुकी है पुलिस चौकी खोलने की माग :

पूर्व में भी अस्पताल में आने वाले मरीज व उनके परिजनों सहित नगर वासियों द्वारा सिविल चिकत्सालय में पुलिस चौकी खोलने की मांग उठी चुकी है। लोगों का कहना है की चिकित्सालय में भी एक पुलिस चौकी खुलना चाहिए, ताकि होने वाले विवादों से बचा जा सके। सूत्रों की माने तो कई बार ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले लड़ाई झगड़ों के कारण संबंधित मेडिकल स्टाफ के ऊपर अनैतिक दबाव मरीज के परिजनों सहित बिचौलिए लोग भी बनाते है। वही पदस्थ डॉक्टरों का कहना है कि चिकित्सालय परिसर में एक अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित होना चाहिए। जिससे अपनी मनमानी दिखाने वाले लोगों सहित स्टाफ से अभद्रता करने वाले लोगों पर अंकुश लग सके।

डॉक्टर व पुलिस आते हैं देरी से रात भर रखा रहता है शव :

देखने में आया है कि शहर सहित अंचल के शव को पीएम कराने के लिए अस्पताल लाया जाता है। लेकिन  कई बार पुलिस के देरी से आने के कारण रात हो जाती हैं जिसके कारण शव को लेकर परिजन रात भर इंतजार करते रहते हैं। मरीजों के अटेंडर व स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ के बीच होने वाली विवादों में पुलिस समय पर नहीं पहुंच पाती है। बढ़ते विवाद को देखते हुए कई बार रोगी कल्याण समिति की बैठक में पुलिन चौकी खोलने को लेकर चर्चा भी हुई है लेकिन संबंधित अधिकारी द्वारा अभी तक महज आश्वासन ही मिल रहा है।

अक्सर नदारद रहते हैं सुरक्षा गार्ड :

सिविल अस्पताल में पदस्थ नर्स और डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में रात  के समय अक्सर लोग शराब पीकर आते हैं। जिनके द्वारा स्टाफ के साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया जाता है रोकने पर वह मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। कई बार बढ़ते विवादो की सूचना उच्च अधिकारियों सहित पुलिस को दी जाती है जब तक पुलिस आती है तब तक उत्पात मचाने वाले भाग निकलते हैं। अस्पताल में फिलहाल सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी लगाई जाती है जो कि सिक्योरिटी कंपनी द्वारा तैनात किए गए हैं लेकिन वह अस्पताल से अक्सर नदारद ही नजर नहीं आते।

नगरवासी बोले- जरूरी है पुलिस चौकी :

सारंगपुर सिविल अस्पताल राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा होने के कारण सड़क दुर्घटना या फिर अन्य किसी संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के लोग पीएम करवाने से कतराते हैं। ऐसे में कई बार परिजन शव को जबरदस्ती ले जाने की भी जिद करते हैं, जो कि विवाद का सबसे बड़ा कारण है। समय पर पुलिस इंतजाम न होने के कारण देर शाम होने से  दूसरे दिन पीएम होता है। सूत्रों की माने तो अस्पताल प्रबंधन द्वार नियुक्त किए गए निजी गार्ड भी विवाद के दौरान इधर-उधर हो जाते हैं।


कर चुके है मांग
अस्पताल परिसर में अक्सर बेवजह विवाद होते रहते है, हमने पुलिस प्रशासन से पूर्व में पुलिस चौकी खोलने की मांग की थी, लेकिन उक्त मांग आज तक लंबित है।
डॉ मनीष चौहान अधीक्षक सिविल अस्पताल सारंगपुर