ज्वाइन करने के चार माह बाद भी नियुक्ति पत्र आज तक नहीं, डा. सरिता यादव ने मार्च में दिया सहमति पत्र, चार मई को किया था ज्वाइन।
जनहित के कार्यों में अनावश्यक हीला हवाली से दम तोड़ती व्यवस्था।

सत्यनारायण वैष्णव (प्रधान संपादक)

सारंगपुर सिविल अस्पताल एवम जिला अस्पताल सहित अन्य शासकीय चिकित्सालयेां में निश्चेतना विशेषज्ञ व डाक्टरों की कमी है। सारंगपुर में इस कमी को दूर करने के लिए मप्र शासन के राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने प्रयास किए थे, जिसके सकारात्मक परिणाम भी आए और मार्च में स्वास्थ्य विभाग में सहमति पत्र देकर एक बार फिर शासकीय सेवा देने के लिए अपना मन बना चुकी डॉक्टर सरिता यादव ने विगत 4 मई को जिला अस्पताल राजगढ़ में ज्वाइन भी कर लिया। लेकिन सिस्टम की धीमी गति और लेटलतीफी के चलते आज तक शासन स्तर से उन्हें नियुक्ति  पत्र नहीं मिला है। सूत्रों की माने तो शासन से नियुक्ति पत्र न आने पर डॉक्टर दोबारा से शासकीय सेवा छोड सकती है, ऐसे में डॉक्टर सरिता यादव के जाने से सबसे ज्यादा कमी क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं, खास कर शासकीय अस्पताल में प्रसव कराने आने वाली प्रसूताओं को खलेगी। इस मामले में एक बार फिर मंत्री श्रीटेटवाल ने जनहित को देखते हुए पुन: सक्रियता दिखाई है। मंत्री गौतम टेटवाल ने जल्द ही शासन से नियुक्तिपत्र आने की बात कही है।
6 महीने बीत जाने के बाद भी नहीं आया नियुक्ति आदेश
निश्चेतना विशेषज्ञ डाक्टर सरिता लगभग सात वर्षों पहले सारंगपुर सिविल अस्पताल में शासकीय चिकित्सक के रूप में सेवा देने के साथ साथ अधीक्षक, बीएमओ पद पर पदस्थ रहते हुए कार्य कर चुकी है। जानकारी के अनुसार चिकित्सक यादव ने पुन: चिकित्सालय में अपनी सेवा देने के लिए इसी वर्ष मार्च में अपना सहमति पत्र जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.किरण वाडिया को सौंपा है। बावजूद इसके डाक्टर के सहमति पत्र के 6 महीने बीत जाने के बाद भी आदेश न आना क्षेत्र की गर्भवती व प्रसूताओं की चिंता बढाता नजर आ रहा है। स्वास्थ विभाग की और से अभी चिकित्सक का ज्वाइनिंग लेटर नही आना गर्भवती महिलाओं की चिंता बढ़ा रहा है। बता दे की स्त्रीरोग विशेषज्ञ का लाभ शहर सहित क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को अक्सर मिलता रहा है। महिलाओं का कहना है की अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के बाद गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट क्लिनिक पर नहीं जाना पडेगा। साथ ही प्रसव कराने आने वाली प्रसूताओं को भी अन्यंत्र शाजापुर उज्जैन इंदौर जैसे बडे शहरों में रेफर करने का सिलसिला थम जाएगा।

किए 8 हजार से अधिक सीजर, 1 हजार नसबंदी।

शासकीय स्वास्थ्य सेवा में रहते हुए लगभग 18 वर्षों तक वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा. सरिता यादव ने सारंगपुर सिविल अस्पताल में महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपनी जिम्मेदारी संभाली और उन दिनों शासकीय सिविल अस्पताल में आने वाली गरीब महिलाओं को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई थी। डॉ यादव अभी तक अपनी सेवा के दौरान लगभग 8 हजार सीजर कर चुकी है।
साथ ही सारंगपुर सहित ब्यावरा, नरसिंहगढ, राजगढ, पचोर, जीरापुर, खिलचीपुर आदि स्थानों पर भी अपनी सेवाएं दी है। डाक्टर क्षेत्र की गरीब महिलाओं को निशुल्क बेहतर उपचार मुहैया कराने से गर्भवती प्रसूताओं में खासी चर्चित है। फिलहाल अपने निजी  नर्सिंग  होम के माध्यम से महिलाओं को सेवाएं देने के साथ साथ जिला अस्पताल में भी जनसेवा कर रही है।
सीएमएचओ कर चुकी प्रयास
सीएमएचओ डाक्टर किरण वाडिया ने चर्चा में बताया की चिकत्सक सरिता की सहमति पत्र के संबंध में शासन को पहले ही पत्र लिखा जा चुका है। तत्कालीन कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने भी अपनी अनुशंसा विभाग की भेजी थी। डॉक्टर के ज्वाइनिंग लेटर के बारे में विभागीय उच्चाधिकारियों से भी चर्चा की जा चुकी है। लेकिन शासन स्तर से यह मामला अभी रुका है, शायद यही कारण है की सहमति पत्र आने में देरी हो रही है।
बोले मंत्री
जनता के स्वास्थ्य की हमें चिंता है, इसलिए हमने यह प्रयास किए है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस मामले में मेरी चर्चा हुई है। प्रशासनिक स्तर पर प्रक्रिया जारी है। एक सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी हो जाएगा।
गौतम टेटवाल, राज्यमंत्री, मप्र शासन।