दूषित खानपान बच्चों को कर रहा बीमार । सिविल अस्पताल हर दिन पहुंच रहे 200 से 250 बच्चें वायरल फीवर सर्दी खासी सहित उल्टी दस्त के मरीजों की ओपीडी में लगी भीड़
दूषित खानपान बच्चों को कर रहा बीमार । सिविल अस्पताल हर दिन पहुंच रहे 200 से 250 बच्चें
वायरल फीवर सर्दी खासी सहित उल्टी दस्त के मरीजों की ओपीडी में लगी भीड़
सत्यनारायण वैष्णव (सारंगपुर)
मौसम परिवर्तन का असर बच्चों में पड़ने लगा है। उल्टी दस्त व वायरल फीवर से बड़ी संख्या में बच्चें अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें कुछ की हालत खराब होने पर चिकित्सक भर्ती कर उपचार करने की सलाह दे रहे हैं। वहीं अधिकांश बच्चों को जांच उपचार के बाद दवाईयां देकर सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। बीते कुछ दिनों में रोजाना चिकित्सालय में 250 से अधिक बच्चें सिर्फ उल्टी दस्त बुखार व खुजली से ग्रसित पहुंच रहे हैं। इनमें से कई बच्चों के शरीर में पानी की कमी होने पर भर्ती कर उपचार किया जाता है। यहीं हाल सिविल अस्पताल की सामान्य ओपीडी का भी है, सिविल अधीक्षक मनीष चौहान की कहना ही की यहां हर दिन 500 से 600 से अधिक मरीज मौसमी बीमारी से ग्रसीत होकर पहुंच रहे है, जिन्हे ड्यूटी चिकत्सक द्वारा उपचार दिया जा रहा है। वहीं सेकडो मरीजों को उपचार के बाद दवाईयां देकर घर पर रहने की सलाह दी जा रही है।
सावधानी ही बचाव :
चिकित्सक मनीष सूर्यवंशी की माने तो बच्चों को खाना खिलाने से पहले अच्छी तरह साबुन से हाथ धुलाएं, बाहर के खान पान से परहेज करें, इसके साथ ही उमस भरी गर्मी से बचने के लिए तरल पदार्थ, फलों के जूस व घर में पका ताजा भोजन का उपयोग करें, उबला पानी पिएं, हर रोज नहाने के बाद साफ कपड़े पहने, जिससे शरीर में होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है।
इन गलतियों से चपेट में आ रहे बच्चे :
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित यादव ने बताया कि बदलते मौसम के साथ-साथ सावधानी बरतने की भी आवश्यकता होती है। ऐसे मौसम में बच्चों को बाहर के खान पान से दूर रखना चाहिए, बाहर बिकने वाले खाद पदार्थ दूषित व बासी होते हैं। इसके साथ ही शरीर को साफ सुथरा न रखने पर भी संक्रमण फैलने से उल्टी दस्त व बुखार की शिकायत आती है। घर के बिस्तर बारिश के दिनों में उमस जाते हैं, इससे खुजली व चर्म रोग फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।
मौसमी बीमारी से बचने के लिए इन दिनों छोटी-छोटी सावधानी बरत कर बच्चों को बीमारी से बचाया जा सकता है। इसमें सबसे जरूरी है बाहर के खान पान से दूर रखना, उबला हुआ पानी पिलाना व खाना खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह साबुन से धुलाने से शरीर में कीटाणु प्रवेश नहीं करते, जिससे बच्चों में बीमार होने की संभावना कम हो जाती है।