बिना एटीएम कैसे पूरा होगा सरकार की कैश लेस योजना का सपना

क्षेत्र की बैंकों में 1 लाख से अधिक खाता धारकों में से आधे के पास भी नहीं एटीएम

सारंगपुर

तहसील में 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग पौने दो लाख आबादी है। नगर के साथ ही आसपास के बैंकों में एक लाख खाते खोले गए है, लेकिन हैरत की बात ये है कि 63 हजार आबादी निरक्षर है। उसमें भी 20 प्रतिशत आबादी को अकेला अक्षर ज्ञान है। ऐसे 20 हजार आबादी ही एटीएम का उपयोग कर रही है। 80 प्रतिशत आबादी एटीएम के साथ केशलैस अभियान साकार होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि इन लोगों को अपने बैंक संबंधी कामों के लिए अन्य लोगों का सहारा लेना पड़ता है। वहीं आए दिन बैंक व डिजीटल लेनदेन में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सारंगपुर क्षेत्र में मौजूद शासकीय व अर्ध शासकीय बैंकों की विभिन्न शाखाओं में करीब एक लाख खाता धारक है। अधिकांश खाते मनरेगा, जनधन, वृद्धावस्था पेंशन, प्रसुति के साथ शासकीय योजनाओं के खाते है। जनधन खातों में करीब 60 प्रतिशत लोगों को कार्ड भी दिए गए थे, लेकिन बैंक में लगभग 5 प्रतिशत लोग ही इनका उपयोग करते हैं। अधिकांश लोग बैंकों में लाईन में लगकर राशि जमा और निकालने आते है।

क्षेत्र में ज्यादा समस्या :

ज्यादा ग्रामीण आबादी :

सारंगपुर तहसील में 2011 की जनगणना के अनुसार 1.86 लाख कुल आबादी है। उसमें शहरी 37 हजार 435 और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 हजार 435 हजार 647 आबादी निवास करती है। क्षेत्र में लगभग 47 हजार 377 लोग निरक्षर की गिनती में शामिल है। ऐसे में शहरी क्षेत्र से ज्यादा ग्रामीण आबादी होने के बाद केशलेस या डिजिटल लेनदेन में सबसे ज्यादा ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है।

कई बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में हो जाती है धोखाधड़ी :

कई बार लोगों को बैंक व अन्य जगहों पर ऑनलाइन व डिजिटल लेनदेन करने में धोखाधड़ी हो जाती है। जहां लोगों के एटीएम व ओटीपी लेकर लोग पैसे निकालकर धोखाधड़ी कर देते है। बैंक, धाने व सीएम हेल्पलाइन - में कई बार लोगों द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत की जाती है, जहां आए दिन लोग धोखाधड़ी का शिकार हो रहे है।

जय अक्षर अभियान का ज्यादा नहीं हो रहा असर :

सरकारों ने साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने के लिए जय अक्षर अभियान, पढ़ना-बढ़ना, सर्व शिक्षा अभियान के साथ अन्य योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन सारंगपुर तहसील की साक्षरता दर 66.32 प्रतिशत है, उसमें 33.68 प्रतिशत आबादी अभी भी निरक्षर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की योजनाओं का असर होता नहीं दिख रहा है।