मनमर्जी का बस स्टाफ : राहगीर बोले पुलिस करे कार्रवाई तो लगे मनमानी पर अंकुश। एबी रोड पर खड़ी हो जाती है बस, रोजाना लग रहा जाम, समय पर पहुंचने लगाते है अंधाधुंध दौड़
मनमर्जी का बस स्टाफ : राहगीर बोले पुलिस करे कार्रवाई तो लगे मनमानी पर अंकुश।
एबी रोड पर खड़ी हो जाती है बस, रोजाना लग रहा जाम, समय पर पहुंचने लगाते है अंधाधुंध दौड़
सारंगपुर
जहां एक तरफ लोगों को त्योहार पर पहुंचने की जल्दी है, वही दूसरी और यात्री बसों को तेज रफ्तार के चलते अंधाधुंध दौड़ाया जा रहा है। बस संचालकों की मनमानी इस प्रकार हावी हो रही है की बस ऑपरेटर जहा मर्जी हो वहा बसों को रोक कर सवारी उतारना चढ़ाना करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। सड़कों पर बसों के खड़े होने के कारण नगर में रोजाना पुराने एबी रोड पर जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वैसे तो शहर में यात्री बसों के लिए केवल एक मात्र बस स्टैंड हैं, लेकिन आपको पूरे नगर के बीच से निकले करीब 7 किमी से ज्यादा लंबे पुराने एबी रोड पर हर कहीं बसें रुककर सवारियों को बैठाती और उतारते हुए दिखाई देगी। क्योंकि इस पूरे मार्ग पर बस संचालकों द्वारा मनमानी के बस स्टॉप बना लिए गए हैं। इन मनमानी के बस स्टॉप को पार करने में बस को इतना समय लग जाता है जितने समय में सीधे रास्ते पर बस 10 किमी से भी ज्यादा दूरी तय कर लें। इन मनमाने बस स्टॉप पर ठहरने के कारण बस के यात्रियों को भी परेशानी होती हैं। क्योंकि उनके समय का नुकसान इन बस स्टॉप पर बस के ठहरने से होता है। इसके बाद जब बस को निर्धारित समय पर दूसरे स्थान पर पहुंचाना होता है तो बस चालकों की अंधी रेस लगती हैं। जिससे हादसे भी होते रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर में बसों के ठहरने के लिए पूर्व से तय स्थान बस स्टैंड हैं। यहीं से सभी स्थानों के लिए बसें मिलती हैं और यहीं पर सभी बसों से यात्री पहुंचते थें, लेकिन इन दिनों बस संचालको के हाथ में पूरी कमान होने से नगर के बीच से निकले करीब 7 किमी हाइवे पर हर कहीं बस को रोक दिया जाता हैं। इसके बाद बस में सवारी को चढ़ाया और उतारा भी जाता हैं। इस दौरान नगर में से निकलने में ही बसों का बहुत समय नष्ट हो जाता हैं। इसके चलते बस के अंदर बैठे यात्री भी परेशान होते रहते हैं। कभी यात्री इसका विरोध भी करें तो बस के स्टॉफ के आगे उनकी एक नहीं चलती हैं। बस के कंडेक्टर, क्लीनर को दूर से भी कोई आता हुआ दिखाई देता है तो बस के ब्रेक लगवा दिए जाते हैं। वहीं जगह जगह से सवारियों को बस में चढ़ाने से बस भी ओवरलोड होकर ही चलती हैं।
लगाते है अंधाधुंध दौड़ :
बस संचालकों को अपने अपने रूट पर बस चलाने के लिए समय दिया गया हैं। निर्धारित समय से एक मिनट भी ज्यादा या कम होने पर बस संचालको के बीच विवाद की स्थिति बन जाती हैं। ऐसे में पहले तो सवारी को बैठाने के लिए हर कहीं बस को रोक दिया जाता है और फिर जब समय कम बचता है तो समय पर पहुंचने के लिए बस को अंधाधुंध गति से चलाया जाता हैं। इसके कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं। इधर बस को हर कहीं रोकने के कारण यातायात भी प्रभावित होता हैं। क्योंकि बसों के अचानक सडक़ के किनारे पहुंचने के कारण कई बार पीछे चलने वाले वाहन असंतुलित भी हो जाते हैं। इस पर भी बस संचालको को कोई फर्क नहीं पड़ता हैं। वे अपनी इस अंधी रेस को हर दिन लगाकर लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं।
तय स्थान पर खड़ी नही होती बस :
जानकारी के अनुसार पूर्व में सभी यात्री बसों के समय बस के रुकने के लिए स्थान निर्धारित था। सभी को बस से यात्रा करने के लिए बस स्टैंड पर ही पहुंचना पड़ता था। सभी बसें बस स्टैंड से ही सवारियों को बैठाती और बस स्टैंड पर ही सवारियों को उतारती थी। जिससे किसी को परेशानी नहीं होती थी। आज किसी भी रूट पर पल पल बसें मिल जाती है, लेकिन पहले की जो बसें चलती थी उनके चलने और पहुंचने का समय बकायदा बस स्टैंड पर चार्ट में लगा होता था। इससे यात्रियों को यह पता रहता था कि बस कब चलेगी और कब दूसरे स्टॉप पर पहुंचेगी। अब यात्रियो को बार-बार बस के अंदर चढकर ही पूछना पड़ता है कि बस कब पहुंचेगी। इधर किराया सूची भी कहीं नहीं लगी हैं।
कार्रवाई करेंगे
अगर बस ऑपरेटर सड़कों पर वाहन खड़े कर के सवारी उतारना चढ़ाना कर रहे तो हम ऐसे बस संचालकों पर चालानी कार्रवाई करेंगे। रही बात बस स्टेंड की तो तैनात पुलिसकर्मी को बोलकर बसों के तय स्थान पर लगवाने का बोला जाएगा।
आकांक्षा शर्मा थाना प्रभारी सारंगपुर