फ़टाखों का सजा बाजार, नहीं आ रहे खरीदार एसडीओपी ने अग्निशामक यंत्र रखने के दिए निर्देश, बोले- बच्चों के साथ कोई व्यक्ति हो तभी दे पटाखे।
पटाखों का सजा बाजार, नहीं आ रहे खरीदार
एसडीओपी ने अग्निशामक यंत्र रखने के दिए निर्देश, बोले- बच्चों के साथ कोई व्यक्ति हो तभी दे पटाखे।
सारंगपुर//
दीपावली के मौके पर पटाखों के बाजार तो सज गए हैं लेकिन इस साल पटाखों का कारोबार मंदा है। दुकानों से ग्राहंकों की भीड नदारद है। जिससे पटाखा के कारोबारी मायूस हैं। कारोबारी और खरीदार जहां इसकी वजह महंगाई को मान रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पटाखों से प्रदूषण होता है। लोगों में जागरूकता बढी है जिससे लोग अब अधिक पटाखे नहीं खरीद रहे हैं।
हर साल की तरह इस साल भी शहर में घनी आबादी से दूर पटाखा की दूकाने लगी है। शहर के कृषि उपज मंडी परिसर के मैदान में दुकानें लगी हैं। पटाखा कारोबारियों की माने तो लोग दुकानों पर आ तो रहे हैं लेकिन खरीददारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं कर रहे हैं। व्यापारी संतोष पुष्पद ने बताया कि पिछले साल जहां लोग हजार दो हजार तक के पटाखे खरीद रहे थे वहीं इस साल चार पांच सौ रुपये तक की ही खरीदारी कर रहे हैं। हालात यही रहे तो इस साल पटाखों की लागत भी निकलनी मुश्किल हो जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से आबादी से दूर पटाखा की दुकानें खोलने का इंतजाम किया है। पटाखे की दुकान लगाने वाले कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में दुकान पर कम खरीददार आ रहे हैं। जो आ भी रहे हैं वे अपेक्षा के अनुरूप खरीददारी भी नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह महंगाई है। दूसरे दुकानदारों ने बताया कि पटाखों के दाम में इस साल 40 से 50 फीसदी तक वृद्धि हुई है। इसके कारण भी खरीददार नहीं आ रहे हैं। पटाखा बाजार में खरीददारी के लिए आए ग्राहक कहते हैं कि पिछले साल एक हजार के पटाखे में भरपूर पटाखा मिल जाता था। इस साल भी एक हजार का पटाखा खरीदा है लेकिन पैकेट में पता ही नहीं चल रहा। पटाखे महंगे होने की वजह से इस साल कम पटाखों से ही काम चलाना पड रहा है।
50 से अधिक लगी है दुकानें
लाइसेंस नवनीकरण के बाद शहर के मंडी परिसर मैदान पर पटाखा विक्रेताओं ने अपनी दुकानें लगाई है। जहां पर अपेक्षाकृत कम संख्या में प्रतिदिन लोग पटाखों को लेने के लिए पहुंच रहे हैं, सुरक्षा की दृष्टि से दुकानों का औचक निरीक्षण करने के लिए अधिकारी पहुंच रहे है और हिदायते दे रहे है। एसडीओपी अरविंद सिंह का कहना है कि हमने पटाखा व्यापारियों को निर्देश दिए कि बच्चों के साथ कोई व्यक्ति नहीं आए तब तक उन्हें पटाखें नहीं दे। दुकानों पर सुरक्षा की दृष्टि से व्यापारियों को सुरक्षा मानकों का कडाई से पालन करना होगा। हमने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही की स्थिति में संबंधित दुकानदार को जिम्मेदार माना जाएगा। पटाखा दुकानों पर तेल के लैंप, गैस लैंप और खुली बिजली की बत्तियों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, किसी भी दुकान के 100 मीटर के भीतर आतिशबाजी प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। पटाखा दुकानों के सामने बाइक और कारों की पार्किंग पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। इसके अलावा, अग्निशमन वाहन और एम्बुलेंस की आवाजाही के लिए पर्याप्त स्थान रखना अनिवार्य है, ताकि आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके।