इंदौर: इंदौर में पश्चिमी बाईपास बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन अब इससे जुड़ी मास्टर प्लान की सड़कों को बनाने की भी प्लानिंग की जा रही है, ताकि निर्माण के साथ ही शहर को बाईपास से भी जोड़ा जा सके। फिलहाल दस सड़कें बनाने की योजना है। जिनकी लंबाई 100 किलोमीटर होगी। इनके निर्माण पर एक हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। ये सड़कें इंदौर विकास प्राधिकरण और नगर निगम मिलकर बनाएंगे। इसको लेकर अफसरों की बैठक भी हो चुकी है।

जब इंदौर में पूर्वी बाईपास बनाया गया था, तब इसके जरिए इंदौर की मास्टर प्लान की सड़कों को जोड़ने का काम किया गया था। एमआर-11, एमआर-11, एमआर-7 सड़क इससे जुड़ी हुई है। इसके अलावा एमआर-3 का आधा हिस्सा भी बना हुआ है। तीन सड़कों को बाईपास से जोड़ने का काम पंद्रह साल में पूरा हुआ। पश्चिमी बाईपास पर इस देरी से बचने के लिए 150 किलोमीटर लंबे बाईपास के निर्माण के साथ ही मास्टर प्लान की सड़कों का भी निर्माण किया जाएगा। इससे पश्चिमी बाईपास के आसपास बसावट में तेजी आएगी और रियल एस्टेट सेक्टर भी बढ़ेगा।

पुराने मास्टर प्लान की सड़कें अधूरी

इंदौर में एमआर-1 से एमआर-12 तक की सड़कें पहले बनाई गई थीं, लेकिन उनमें से कुछ अभी तक नहीं बनी हैं। एमआर-11 पिछले दस सालों से अधूरा है। यह सड़क निरंजनपुर से आगे नहीं बन पाई। इसके अलावा एमआर-4 का काम दस साल पहले पिछले सिंहस्थ मेले के दौरान शुरू हुआ था, लेकिन वह भी अब तक अधूरा है। एमआर-9 और एमआर-3 की सड़कें भी इतने सालों बाद भी बायपास से नहीं जुड़ पाई हैं।