लाखों की लागत से बने हाटबाजार खा रहे है धूल, बनने के बाद से अनुपयोगी साबित
पड़ाना, उदनखेड़ी, संडावता और भ्याना ग्राम पंचायतों में बने थे हाट बाजार

सारंगपुर।
सारंगपुर जनपद पंचायत क्षेत्रांतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत प उदनखेड़ी, पड़ाना, संडावता और भ्याना ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये खर्च कर हाट बाजारों का निर्माण कराया गया था, लेकिन स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण वह सूने पड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना वर्ष 2010-11 में शुरू की गई थी। इसके बाद कुछ ग्राम पंचायतों में हाट बाजार बनकर तैयार हो गए थे। जिसका भुगतान भी किया गया है। बावजूद इसके व्यापारी और बेरोजगार हाट बाजार में दुकानें लगाने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। प्रशासन और स्थानीय कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की इच्छा पर पानी फेर दिया है जो अनुपयोगी साबित हो गए हैं।
देख रेख के अभाव में हो रहे जर्जर
अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण करीब 6 साल पहले इन हाट बाजारों का निर्माण तो करा दिया गया। लेकिन इन हाट बाजारों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है तो वहीं देखरेख के अभाव में यह हाट बाजार जर्जर होने की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं।
गांव से दूर और सुनसान जगहों पर बनाए गए हाट बाजार
उदनखेड़ी, पड़ाना, संडावता और भ्याना ग्राम पंचायतों में हाट बाजार गांव से दूर और सुनसान जगहों पर बनाए गए हैं। जहां हाट बाजार निर्माण होने के बाद भी वर्षों से वे सूने पडे हुए हैं। वहां पर एक दिन भी बाजार नहीं लगाया गया। जबकि उनके निर्माण में लाखों रुपए खर्च किए गए।
हाट बाजारों में लगाए गए पत्थर, छप्पर उखड़ गए
पड़ाना में छात्रावास के सामने बना हाट बाजार शो-पीस बना हुआ है, वहीं अन्य गांव में भी बना हाट बाजार रखरखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। हाट बाजारों में लगाए गए पत्थर और छप्पर घटिया उखड़ चुके हैं। हाट बाजार अब केवल शो पीस बनकर रह गए है। जिनका उपयोग आवारा मवेशी और असामाजिक तत्व कर रहे हैं।
घटिया क्विालिटी के बने है यह बाजार
लाखो की लागत से हाट-बाजार बेहद घटिया तरीके से बनवाकर तरीके से चूना लगाया गया है। इनमे से कुछ हाट बाजार का आज तक उपयोग नहीं हो सका है। यहां बेसहारा मवेशियों का डेरा जमा रहता है। यहां बैठकर जुआ खेलने और शराब पीने वालों की आवाजाही बनी रहती है। जो दुकानें बनाई गई हैं, उनके शटर में जंग लगने लगी है और घटिया मसाले के उपयोग के कारण दीवारों में दरारें आ गई हैं। पूरा हाटबाजार स्थल गंदगी से पटा पड़ा है। इतना ही नहीं गांव के पंचायत भवन की हालत देखने से ऐसा लगता है कि यहां न कभी सफाई होती है, न कोई बैठता है। पंचायत भवन की दीवारों पर काई लग चुकी है।
बोले जिम्मेदार
पड़ाना, उदनखेड़ी, संडावता और भ्याना ग्राम पंचायतों में हाट बाजार बनाए गए थे। इस बारे मैं जानकारी लेता हूं।
कृपाल पैरवाल, प्रभारी सीईओ, जनपद पंचायत सारंगपुर।