असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने, लगाए कैमरे महीनों से बंद, पीएचक्यू के निर्देश भी बेअसर

नगर पालिका द्वारा लगाए कैमरों का भी खत्म हो रहा अस्तित्व, प्रमुख चौक चौराहों से भी नदारद सीसीटीवी

सारंगपुर

विकासखंड की हम बात करें तो वर्ष 2022, 23 जुलाई के महीने में पचोर में हुई वारदात के साथ बीते साल समीपस्थ गांव काचरिया की 2 बढ़ी वारदात सामने आई थी। आए दिन शहर में चोरियों की छोटी बड़ी वारदाते होती है, व बस स्टैंड पर पाकेटमार भी सक्रिय रहते है। बावजूद इसके जिम्मेदारों को नगर के प्रमुख चौराहों पर कैमरे लगाने में किसी प्रकार की कोई रुचि नहीं दिखाई दे रही है।
बता दे कि शहर में 35 से अधिक स्थानों पर सीसीटीवी लगाने के पीएचक्यू विभाग से निर्देश थे। बावजूद स्थानीय पुलिस प्रशासन कैमरे लगाने पर ध्यान नहीं दे रहा है। जब भी अधिकारियों से सीसीटीवी कैमरे लगाने के बारे में चर्चा की जाती है तो अधिकारी कहते है कि व्यापारियों से अपील करेंगे।

नौ वर्ष पुराने आदेशों पर अब तक नहीं हुआ अमल :

उल्लेखनीय है की आपराधिक व असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शहर सहित प्रमुख चौराहों नाकों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पीएचक्यू विभाग द्वारा लगभग 8 साल पहले संवेदनशील शहर सारंगपुर में कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे। कुछ स्थानों पर व्यापारी व नगरीय प्रशासन ने कैमरे लगाए भी है। सूत्रों की माने तो सारंगपुर यात्री प्रतीक्षालय बस स्टेंड पर नगर पालिका द्वारा लगाए गए उक्त कैमरे पिछले तीन साल से बंद पड़े दिखाई दे रहे है जिस और न तो नपा का ध्यान है और न ही किसी भी अधिकारी का जिसके कारण व्यापारियों व यात्रियों में हमेशा वारदात सहित चोरी का डर बना रहता है।

सीसीटीवी कैमरे से अछूते शहर के चौराहे :

संवेदनशील शहर के प्रमुख चौराहों पर आज तक कैमरे नहीं लगाए गए है। नगर में आने जाने वाले वाहनों सहित हर व्यक्ति की निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पूर्व में बनाई गई थी। लगभग 9 वर्ष बीत चुके है लेकिन योजना के तहत धरातल पर काम नहीं हुआ है। यदि यह कैमरे नगर में लग जाते है तो अनेक आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही नगर में आने जाने वाले वाहनों सहित हर व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सकती है।


बीते तीन साल में चार हत्या एक लूट के हालत देखकर भी शहर के जिम्मेदारों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आज तक पहल नहीं की है। शहर में पदस्थ अधिकारी भी इसमें अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। तत्कालीन समय में नगर के प्रमुख स्थानों पर कैमरे लगाने के लिए आए सर्वे  दल द्वारा नगरों के प्रवेश व निकासी मागों सहित अतिरिक्त हिस्सों के संवेदनशील स्थलों पर कैमरे लगाए जाने के लिए जगह का चयन कर चिन्हित भी किया गया था। समय बीतने के साथ यह योजना वर्षों से अधर में अटकी हुई है जिस और किसी का ध्यान नहीं है।

सार्वजनिक स्थानों का हुआ था चयन :

तत्कालीन समय पर किए गए सर्वे अनुसार नगर से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर नाका, कालीसिंध नदी, रानी रूपमती सहित आरामशीन 4, कसाई वाडा पॉइंट 1, मंडाई चौक 3, अकोदिया नाका 3, पाडल्या रोड रेलवे क्रासिंग 1 सहित अन्य स्थानों पर कैमरे लगाने का चयन किया था जो की अब ठंडे बस्ते में है। पुराने बस स्टेंड के पीछे स्थानीय नगर पालिका ने अपने निजी कैमरे लगा रखे है। वहीं दूसरी और व्यापारियों की बात करे तो उक्त दुकानदार द्वारा अपने निजी खर्च पर लगाए गए कैमरों का रुख अपनी दुकानों की सुरक्षा की दृष्टि के हिसाब से रख रखा है। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस प्रशासन इन दिनों न तो प्रमुख चौराहों पर कैमरे लगवा रहा है और न ही लोगों को जागरूक करते दिख रहा है। नतीजा सारंगपुर विधानसभा में लगातार पैर पसारता क्राइम बढ़ता मादक पदार्थों का ग्राफ दिखाई दे रहा है।

24 घंटे कैमरों से रखी जा सकती नजर :

नगरवासियों का कहना है की यदि शहर के प्रमुख चौराहों पर कैमरे लगाए जाते हैं तो विजन में भी निगरानी करेंगे। साथ ही अपराधिक व अनैतिक गतिविधियों में लिए लोगों व अपराध करने वाले वाहनों को पकड़ा जा सकेगा। इसी के साथ सडक दुर्घटनाओं की जानकारी भी पुलिस को तुरंत मिल सकेगी। साथ ही कैमरे के फुटेज के तौर पर भी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

कराएंगे दुरस्त
बस स्टेंड के यात्री प्रतीक्षालय परिसर में लगे कैमरे अगर किसी कारण से बंद हो गए है, तो हम कर्मचारी को बोलकर जल्द कैमरे दुरस्त कराने के निर्देश दूंगा।
लालसिंह डोडिया नपा सीएमओ सारंगपुर

बढ़ाएंगे कैमरे
पूर्व में पीएचक्यू विभाग के दिए निर्देश के संबंध में उच्चाधिकारियों से चर्चा की जाएगी। साथ ही शहरवासियों, व्यापारियों से कैमरे लगाने के लिए अपील करेंगे।
शकुंतला बामनिया थाना प्रभारी सारंगपुर