लोडिंग वाहनों में जोखिम भरा सफर, लटक कर यात्रा कर रहे ग्रामीण
नागरिक बोले सिर्फ चालान बनाने से नहीं रुकेगी ओवरलोडिंग, हादसे के बाद जागेंगे जिम्मेदार

 सारंगपुर।

पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के प्रयास किए जा रहे हे । जागरुकता अभियान चलाए जा रहे है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कार्रवाई नहीं होने के कारण लोडिंग वाहनों में लोगों को ठूंस ठूंस कर भरे जा रहे है। दिनभर दर्जनों लोडिंग वाहनों में सवारियों को भेड बकरियों की तरह भरा जा रहा है। हादसा हुआ तो बडी जनहानि हो सकती है।
नहीं रुकी यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग
ओवरलोड वाहनों पर वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी व भाडा भरकर वाहनों को दौडा रहे है, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। शहर और ग्रामीण थाने द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि यातायात व्यवस्था चरमरा रही है। बसों सहित अवैध छोटे वाहन संचालकों की मनमानी इतनी बढ गई है कि यात्री वाहनों के अंदर सहित अब सवारियों को छत पर भी बैठाया जा रहा है। कभी भी बडा हादसा हो सकता है।
अधिक किराया और संसाधनों की कमी बडा कारण
क्षेत्र से प्रतिदिन सैकडों लोग पलायन करते है। आने जाने वालों की संख्या अधिक और यात्री वाहनों की संख्या कम लोडिंग वाहनों में ओवरलोडिंग का बडा कारण है। वहीं बसों में मनमाना किराया भी यात्रियों को परेशान करता है। जब तक कम किराया और संसाधनों में बढोतरी नहीं होगी लोग जान पर खेलकर यात्रा करते रहेंगे।
चालानी कार्रवाई पर्याप्त नहीं
जानकारों का कहना है कि कई बार सिर्फ चालानी कार्रवाई को आधार बना परिवहन और विभिन्न थानों के अधिकारी अपनी पीठ खुद थपथपा लेते है, लेकिन ये कार्रवाई जमीनी हकीकत को बदलने के लिए पर्याप्त नहीं है। जो लोग ओवरलोडिंग करते है, उन्हें पता है कि सख्त कार्रवाई नहीं होगी। सिर्फ एक चालान बनेगा। इसलिए भी वह बेखौफ हो जाते है। ये व्यवस्था बदलने के लिए सख्त कार्रवाई को जरूरत है।
बोले जिम्मेदार
लोडिंग वाहन में यात्रियों को बैठाने पर वाहन चालकों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करेंगे।
आकांक्षा हाड़ा, थाना प्रभारी, सारंगपुर।