मनमर्जी से एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से कम होती गर्भवती महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता 

बिगड़ा स्वास्थ्य : सर्दी खांसी अब 15 दिनों तक लोगों को कर रही परेशान

सारंगपुर

मौसम में तब्दीली और गिरते तापमान के बीच सर्दी, खांसी का संक्रमण बढ़ गया है। हेल्दी सीजन शुरू होने के बाद भी सिविल अस्पताल में मरीजों की भीड़ कम नहीं हो रही है। अस्पताल के ओपीडी में रोजाना लगभग पांच से सात सौ मरीज रोज पहुंच रहे हैं। जिसमें सर्दी खांसी के मरीजों की संख्या डेढ़ से दो सौ के करीब होती है। डॉक्टर अंकित यादव का कहना है कि छोटे छोटे बच्चों में सर्दी जुकाम, बुखार की शिकायतें बढ़ रही हैं। ऐसे में कई बच्चों को भर्ती कर उपचार देना पड़ रहा है। माना जाता है कि इन संक्रमित मरीजों में 70 फीसदी मरीज सर्दी खांसी और बुखार से पीड़ित है। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के इस मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार आम बात है, लेकिन कोविड काल के बाद से सर्दी और खांसी के ठीक होने की समय अवधि बढ़ गई है।

ठीक होने में लग रहा पखवाड़ा :

मौसमी बीमारी से प्रभावित लोगों का कहना है कि पहले जहां सर्दी, जुकाम और खांसी सिर्फ तीन दिनों में ही ठीक हो जाती थी। वहीं अब इसे ठीक होने में पूरा पखवाड़ा लग रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि सीजनल फीवर व सर्दी खांसी के लक्षण वाले मरीज बढ़े हैं। पिछले एक सप्ताह से ठंड में तेजी आई है। जरा सी लापरवाही के कारण लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे है। सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम और जोड़ों के दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। सर्दी खांसी को ठीक होने में लगने वाले समय को लेकर महिला विशेषज्ञ डॉक्टर तस्लीम मंसूरी जो कारण बता रहे है, उनमें मौसम में बदलाव, प्रदूषण और गर्भवती महिलाओं में मनमर्जी से इस्तेमाल किए जाने वाले एंटीबायोटिक है। चिकत्सक के अनुसार सर्दी के अलावा बढ़ता प्रदूषण भी लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है।

जकड़ रहा कफ, इलाज जरूरी :

सिविल अस्पताल अधीक्षक ने चर्चा में बताया कि इन दिनों सर्दी, खांसी के साथ सीने में कफ जकड़ रहा है, जो कई दिनों तक परेशान करता है। इसे हल्के में नहीं लें। ज्यादा दिन तक कफ रहना खतरनाक हो सकता है। यदि कफ का रंग रेडिश हो रहा है, तो तत्काल जांच कराएं। यह टीबी की शुरआत भी हो सकती है।

डॉक्टर की सलाह से लें दवा
गर्भवती महिला सर्दी जुकाम या बुखार होने पर मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक दवा न ले, इससे मर्ज कम होने के बजाए और बढ़ जाता है। एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित होती है। लोगों को केमिस्ट की सलाह पर एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। समस्या होने पर अस्पताल जाएं और डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
तस्लीम मंसूरी स्त्रीरोग विशेषज्ञ सारंगपुर