21वीं पशु संगगणना की तैयारी में जुटा पशुपालन विभाग। गाय-भैंस जैसे जानवरों की होगी गिनती। दिया प्रशिक्षण

21वीं पशु संगगणना की तैयारी में जुटा पशुपालन विभाग।
गाय-भैंस जैसे जानवरों की होगी गिनती। दिया प्रशिक्षण ।
सारंगपुर
पशुओं की गणना के लिए पशुपालन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। आगामी दिनों में शुरू होने वाली 21वीं पशु गणना को लेकर शुक्रवार को सारंगपुर पशु अस्पताल में प्रगणंक और सुपरवाइजर को सारंगपुर पशु चिकित्सा अधिक अधिकारी डा. अमित शाक्या के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने ने बताया कि 1 सितंबर से शुरू होने वाली 21वीं पशु गणना को लेकर प्रगणक और सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया है। क्षेत्र में पशुओं की गणना के लिए 01 सुपरवाइजर (शहरी+ग्रामीण), 19 प्रगणक (ग्रामीण), 03 प्रगणक (शहरी) समेत कुल 22 प्रगणक एवं 01 सुपरवाइजर पशुधन गणना करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रगणकों और सुपरवाइजर को पशु गणना एप, पशुओं की नस्ल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस बार एप आधारित पशुगणना होगी। एप के माध्यम से गणना के दौरान किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सुपरवाइजर को एप से प्रशिक्षण दिया
1 सितंबर से शुरू होने वाली गणना से पूर्व शुक्रवार को सुपरवाइजर को एप से प्रशिक्षण दिया गया है। प्रगणक को अपने अपने क्षेत्र में एप से संबंधित जानकारी देने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि पशुगणना का काम पूरा होने के बाद गांव में घुमने वाले आवारा पशुओं की भी गणना की जाएगी। गणना के दौरान पशुपालक का डिटेल्स, पशु की संख्या, नस्ल, आय का श्रोत, पशुपालन से संबंधित उपलब्ध संसाधन आदि के बारे में जानकारी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि एप में कई प्रकार की सुविधा भी दी गई है। सभी नस्ल के पशुओं का फोटो भी अपलोड किया गया है ताकि नस्ल की पहचान करने में प्रगणक को सुविधा हो। प्रगणक एवं सुपरवाइजर के एप पर उन्ही राजस्व गांव का नाम आएगा जहां पशु गणना करना है। प्रगणक द्वारा रिपोर्ट अपलोड करने के बाद सुपरवाइजर की आईडी पर दिखेगा। पशु गणना का काम पूरा होने के बाद सुपरवाइजर 10 प्रतिशत पशु का रैंडम सर्वे करेंगे। अगर डेटा में किसी प्रकार की गलती मिलती है तो संबंधित प्रगणक को सुधार करने के लिए कहा जायेगा।
यह 21वीं गणना, वर्ष 1919 हुई थी प्रथम पशुधन गणना
पशु पालन एवं डेयरी विभाग पशुपालन क्षेत्र से जुडे आंकडे जुटाने के लिए प्रथम बार वर्ष 1919 में पशु गणना कराई थी और हर पांच साल पर पशुधन गणना आयोजित कर रहा है। आखिरी पशुधन गणना वर्ष 2019 में आयोजित की गई थी। जो 1 सितंबर से 31 दिसंबर तक पुरी होगी। पशुपालन और डेयरी विभाग के समस्त अधिकारी कर्मचारी मोबाइल तकनीक का उपयोग करके पशुधन गणना करेगा, क्योंकि इससे डेटा को ऑनलाइन प्रसारित करने में मदद मिलेगी। पशुपालन विभाग सारंगपुर द्वारा शुक्रवार को समस्त प्रगणकों का प्रशिक्षण लिया गया
सभी गांवों में होगी गणना
डा. शाक्या ने बताया कियह गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जाएगी। इसमें जानवरों की विभिन्ना प्रजातियों गाय-बैल, भैंस, भेड, बकरी, सुअर, घोडा, खच्चर, गधा, ऊंट, कुत्ता, खरगोश और हाथी के साथ घरेलू, उद्यमों और गैर-घरेलू उद्यमों द्वारा पाले जाने वाले पोल्ट्री पक्षियों मुर्गी, बत्तख और अन्य पोल्ट्री पक्षी की भी गणना की जाएगी। इस बार की पशुधन गणना में पोल्ट्री पक्षी की उम्र और लिंग के साथ उसकी नस्ल से जुडा आंकडा भी एकत्र किया जाएगा।
बोले जिम्मेदार
21वीं पशुधन गणना प्रदेश के हर घर एवं गौशाला में की जाएगी, ताकि गणना से पशुधन का संपूर्ण डाटा एवं विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके। इस क्षेत्र में विकास के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन तभी सुनिश्चित हो सकता है जब हमारे पास पशुधन से संबंधित सही आंकड़े उपलब्ध हो।
डा. अमित शाक्या, पशु चिकित्सा अधिकारी, सारंगपुर।
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